पटना में डायबिटीज की तरह तेजी से बढ़ रहे हार्ट रोगी, 10 साल में बीमारी की रफ्तार दो गुनी बढ़ी

पटना. अभी तक डायबिटीज को तेजी से फैलने वाली बीमारी माना जा रहा है. लेकिन अब हार्ट रोगी भी तेजी से बढ़ रहे हैं. 25 से 30 की उम्र के युवा भी इसके चपेट में आ रहे हैं. यह शहर के आइजीआइएमएस, इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान और कार्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ बिहार शाखा की रिपोर्ट कर रही है.

रिपोर्ट की माने तो 10 साल में यह बीमारी पटना सहित पूरे बिहार में दो गुनी रफ्तार से बढ़ रही है. चिंता की बात है कि अब रोगियों की धमनी में ब्लॉकेज सबसे ज्यादा मिल रहे हैं. बीते 10 साल में आर्टरी में ब्लॉकेज 10 गुना पाया गया है.

आइजीआइसी में पांच साल से एक भी बेड नहीं हुआ खाली

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हार्ट रोगियों की संख्या का अंदाजा इसी से लग सकता है कि बीते पांच साल से शहर के आइजीआइसी अस्पताल में एक भी दिन 125 बेड में एक बेड खाली नहीं हुआ. कमोबेश यही स्थिति आइजीआइएमएस अस्पताल की रही. अस्पतालों ने इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेज कर साफ कर दिया है कि दिल को बचाने के लिए अब लोगों को जागरूक होने की जरूरत है, साथ ही समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने से बीमारी को लेकर लोग अलर्ट रहेंगे.

क्योंकि लोग जितने जागरूक होंगे, उतनी ही इस बीमारी को रोका जा सकता है. डॉक्टरों की माने तो बदलती लाइफ स्टाइल, मोटापा, ब्लड प्रेशर, फिजिकल एक्टिविटी कम होने से हार्ट रोग की संख्या व समस्या बढ़ है. शहर के आइजीआइसी व आइजीआइएमएस अस्पताल की ओपीडी में बीते 2011-12 में जहां करीब 30 हजार और इंडोर में करीब पांच हजार मरीज भर्ती हुए थे, जो अब 2019-20 में करीब 61 हजार से अधिक हो गये. जबकि इन दोनों अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या भी एक साल में नौ हजार के पार कर गयी.

ओपीडी में आने वाले हृदय रोग के मरीजों का ग्राफ

2011-12: 28012

2012-13: 34297

2013- 14: 38682

2014-15: 43867

2015-16: 48932

2016-17: 53758

2017-18: 54792

2018-19: 57638

2019-20: 61027

नोट: रोगियों की संख्या में थोड़े बहुत आंशिक अंतर हो सकता है

हृदय रोग लक्षण

मिचली, थकान, सांस फूलना, छाती में जलन, पेट में जलन, अनियमित दिल की धड़कन, गर्दन, जबड़े, कंधे, पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द

इन बातों का रखें खयाल

– आधा घंटा रोजाना साइकिल चलाएं

– 40 से 60 मिनट सुबह तेज गति से चलें

– फल, हरी सब्जी, दाल का भरपूर प्रयोग करें

– तली सामग्री, चटपटा और बाजार का खाना खाने से बचें

इनका कहना है

आइजीआइएमएस के डॉ बीपी सिंह हृदय रोगियों की संख्या बीते 10 साल में तेजी से बढ़ी है. आइजीआइएमएस व बिहार कॉर्डियोलॉजी सोसाइटी की ओर से बढ़ते मरीजों की संख्या व बीमारी पर सर्वे भी किया गया है. वहीं कोरोना वायरस की वजह से भी हृदय की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ा है. इसके चलते उन लोगों में भी हृदय संबंधी समस्याएं देखी गयी हैं जो वायरस की चपेट में आने से पहले तक किसी भी तरह के हृदय विकारों से पीड़ित नहीं थे.

आइजीआइएमएस के डॉ रवि विष्णु हृदय संबंधित परेशानी पहले 60 साल की उम्र के बाद होती थी, लेकिन बढ़ते तनाव, धूमपान और बदली हुई जीवन शैली युवाओं के दिल को बीमार कर रही है. रही-सही कसर देर रात तक जागने, फास्ट-फूड ने पूरी कर दी है. यही वजह है कि 10 साल के अंदर बीमारी दोगुनी बढ़ गयी है।

Source-prabhat khabar