पटना। बिहार में गंगा का जलस्तर अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में भी बढ़ रहा है। इससे गंगा किनारे छठ करने के इच्छुक लोगों को परेशानी हो सकती है। इस बीच पटना का जिला प्रशासन और सरकार व्रतियों की सहूलियत के लिए योजना बनाने में जुट गई है। राज्य के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने घोषणा की है कि गंगा के जलस्तर में कमी नहीं आने पर महेंद्रू घाट की तरफ गंगा की धार को मोड़ा जाएगा। इस संबंध में जलसंसाधान विभाग के अभियंता आकलन करेंगे। पथ निर्माण मंत्री ने नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा, अपर नगर आयुक्त शिला इरानी, कार्यपालक पदाधिकारी राकेश कुमार सिंह, प्रतिभा सिन्हा के साथ गांधी घाट से बांसघाट तक निरीक्षण किया।
उत्तराखंड में बारिश का गंगा में दिख रहा असर
मंत्री ने कहा कि उतराखंड की पहाड़ी क्षेत्र में बारिश के कारण गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो गयी है। गांधीघाट पर तेज धार देखकर मंत्री चिंतित हो गए। बोले कि एक सप्ताह बाद पुन: आकलन करने के बाद फैसला होगा कि छठ महापर्व किस-किस घाट पर हो सकता है। कलेक्ट्रेट घाट की तीन सीढ़ियों पर पानी आ गया है। मंत्री ने कहा कि गंगा के जलस्तर में कमी के बाद कलेक्ट्रेट और महेंद्रूघाट के पाट निकलने पर पीपापुल बनाकर रास्ता बना दिया जाएगा। सभी तरह की संभावनाओं पर विचार चल रहा है। बांसघाट का निरीक्षण मंत्री ने गंगा एक्सप्रेसवे से किया। गंगा एक्सप्रेसवे से लेकर गंगा घाट तक जलमग्न हो गया है। इस वर्ष यहां छठ महापर्व करा पाने की कम संभावनाएं हैं।
लोगों से घर पर ही छठ करने की अपील
पथ निर्माण मंत्री ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि शहर के अंदर ज्यादा से ज्यादा तालाब को छठ महापर्व के लिए तैयार कराएं। कृत्रिम तालाब की खुदाई कराने की भी व्यवस्था कराएं। उन्होंने पटनावासियाें से अपील की है कि अपने-अपने घरों में छठ महापर्व करें। शहर के अंदर बन रहे तालाबों में अर्घ्य दें। कोरोना संक्रमण से भी बचा जा सकता है। महेंद्रू घाट छठ पूजा समिति के अध्यक्ष रामचंद्र सिंह ने पथ निर्माण मंत्री से मांग किया कि गंगा की धार महेंद्रूघाट की तफ मोड़ देने से कलेक्ट्रेट और महेंद्रू दोनों घाटों पर छठ महापर्व हो जाएगा। कुछ दिनों तक बाकरगंज नाला के पानी गिरने से रोकना पड़ेगा।