पटना : पटना मेट्रो रेल के पाटलिपुत्र आइएसबीटी डिपो की जमीन अधिग्रहण के लिए शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके लिए कुल 75.945 एकड़ सरकारी व रैयती जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें 50.59 एकड़ जमीन पहाड़ी मौजा जबकि 25.35 एकड़ जमीन रानीपुर मौजा की है। मेट्रो डिपो में इंजन और कोच के रखरखाव तथा मरम्मत का काम होता है। इसके अलावा ट्रायल आदि का काम भी किया जाता है। पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि अधिसूचना जारी होने के बाद अगले दो महीने यानी 60 दिनों तक जिला भू-अर्जन कार्यालय में जमीन को लेकर दावा-आपत्ति ली जाएगी। तीन महीने में जमीन मुआवजा का भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उम्मीद है कि छह महीने के अंदर सारा काम पूरा कर लिया जाएगा।
- 75.945 एकड़ जमीन का अधिग्रहण
- 50.59 एकड़ जमीन पहाड़ी मौजा की
- 25.35 एकड़ जमीन रानीपुर मौजा की
- 60 दिनों तक भू-अर्जन कार्यालय में कर सकते हैं दावा-आपत्ति
- 03 महीने में शुरू हो जाएगी मुआवजा भुगतान की कार्रवाई
- 06 महीने में जमीन अधिग्रहण का काम पूरा करने का लक्ष्य
मेट्रो के 100 से अधिक पिलर तैयार
मलाही पकड़ी से पाटलिपुत्र आइएसबीटी तक 6.6 किलोमीटर का एलिवेटेड रूट सबसे पहले शुरू करने का लक्ष्य है। इस प्रायोरिटी कारिडोर का काम तेजी से चल रहा है। इस रूट में एलिवेटेड मेट्रो गुजरेगी। इसके लिए करीब 200 पिलर का निर्माण होना है। इसमें 100 से अधिक पिलर तैयार कर लिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, इस रूट पर दिसंबर 2022 तक काम पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद विद्युतीकरण समेत अन्य काम किए जाएंगे। एलिवेटेड रूट पर बिजली के तारों को भी भूमिगत किया जा रहा है। इस रूट में मेट्रो के पांच स्टेशन मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरो माइल और आइएसबीटी होंगे।
जाइका से कर्ज का रास्ता होगा साफ
आइएसबीटी डिपो के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू होते ही जाइका (जापान इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन) से कर्ज मिलना भी आसान हो जाएगा। सूत्रों के अनुसार, जाइका से कर्ज के लिए पटना मेट्रो के पास न्यूनतम एक हजार करोड़ का एसेट यानी संपत्ति होनी जरूरी थी। जमीन अधिग्रहण के बाद एक हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति मेट्रो के पास हो जाएगी। जाइका से कर्ज मिलने के बाद भूमिगत स्टेशनों के लिए खोदाई आदि का काम भी शुरू होगा। अभी मुख्य रूप से एलिवेटेड रूट पर ही काम चल रहा है।