बिहार के एक बार फिर बाढ़ ने कहर शुरू कर दिया है। कई जिलों में बाढ़ के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा किशनगंज और बेगूसराय में हालत गंभीर है। यहां जल प्रलय जैसी स्थिति दिखाई दे रही है। लोगों के घरों में पानी घुस गया है। कई सड़कें भी पानी में डूब गई हैं।
बेगूसराय के गढ़पुरा में बारिश रुकने के बाद प्रखंड क्षेत्र में कितनी तबाही मची है उसका नजारा अब देखने को मिल रहा है। हालात सुधारने के बदले और बिगड़ते ही जा रहे हैं। जहां पानी कभी नहीं पहुंचा उन जगहों पर भी पानी ही पानी दिखाई पड़ रहा है। बुजुर्ग बताते हैं कि इतनी अधिक बारिश कभी नहीं देखी। प्रखंड क्षेत्र होकर गुजरने वाली छोटी बागमती नदी में उफान आ जाने के बाद अब यह अगल-बगल के क्षेत्र में भी फैलना शुरू कर दिया है।
जहां एक तरफ पूरा बहियार जलमग्न हो गया है, वही इस नदी का पानी गढ़पुरा स्टेशन-कौड़ा पथ पर चढ़ने से आवागमन प्रभावित होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। रोड पर पानी का प्रवाह तेजी से हो रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्ष 2007 में आई बाढ़ के बाद पहली बार इस सड़क पर पानी चढ़ा है। राहुल नगर से सुजानपुर जाने वाली सड़क पर भी पानी चढ़ गया है, वहीं राहुल नगर से बरमोतरा जाने वाली सड़क पर भी पानी आ जाने से आवागमन पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है।
गढ़पुरा के डीह से धर्मपुर गांव जाने वाले रास्ते में भी करुआहा और बगहा चौर ओवरफ्लो हो जाने के कारण सड़क पर पानी बह रहा है। मूसेपुर से रानीचक गांव जाने वाली सड़क पर पानी आ गया है। इस पर भी आवागमन पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। भीषण बारिश के बाद बगल के गारा चौर ओवरफ्लो कर जाने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। गढ़पूरा पंचो पोखर से मनरेगा कार्यालय जाने वाले रास्ते में भी तेजी से पानी का प्रवाह हो रहा है।
उधर, किशनगंज में दिघलबैंक प्रखंड के कई पंचायतों में बाढ़ की स्थिति है। सबसे खराब हालात पथरघट्टी, सिंघीमाड़ी व लोहागढ़ा पंचायत का है, गुरुवार को भी मंदिर टोला, ग्वाल टोली, गुवाबाड़ी, दोदरा ,कमरखोद , काशीबारी,बालुबारी आदि गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। दिघलबैंक में कनकई तथा बूढ़ी कनकई नदी के जलस्तर में गुरुवार को गिरावट दर्ज की गई है।
दिघलबैंक में कनकई तथा बूढ़ी कनकई नदी के जलस्तर में गुरुवार को हालांकि कमी दर्ज की गई है। अब भी कई इलाके बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं तो कई जगहों पर घटते जलस्तर के साथ कटाव भी तेज हो गया है। सबसे खराब हालात पथरघट्टी , सिंघीमाड़ी व लोहागढ़ा पंचायत का है। गुरुवार को भी मंदिर टोला, ग्वाल टोली, गुवाबाड़ी, दोदरा ,कमरखोद , काशीबारी ,बालुबारी आदि गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। लोग चाहकर भी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। जो जहां हैं वहीं फंस गये हैं। मंदिर टोला और बिहार टोला के प्राथमिक विद्यालय बिहार टोला के
पास कटाव जारी है। विद्यालय के भवन पर कटाव का खतरा फिर से मंडराने लगा है। विद्यालय भवन के आसपास बसे कई परिवार कटाव के कारण पिछले दो दिनों में विस्थापित हो गये हैं।
पथरघट्टी पंचायत के दोदरा, कमरखोद, ग्वाल टोली, गुवाबाड़ी, बालुबारी, बेलडांगी आदि के दो दर्जन से अधिक लोग पिछले दो दिनों से नाव के अभाव में कुढ़ेली हाट के आसपास रूके हुए हैं और प्रशासन से नाव की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। दो दिन बीत जाने पर भी एसडीआरएफ या एनडीआरएफ की टीम कहीं नहीं दिखी। इस बीच लोहागढ़ा पंचायत में दो लोगों कि जान भी बाढ़ के पानी में बहने से चले गई और शव भी लोगों ने अपने स्तर से ही खोज कर निकाला। यही नहीं प्रखंड के पश्चिमी इलाकों में वर्ष 2017 के बाढ़ की याद दिलाने वाली इस बाढ़ ने किसानों की भी कमर तोड़कर रख दी है।
Source-hindustan