जलजमाव की चपेट में 50 फैक्ट्रियां, उत्पादन प्रभावित, मुख्य मार्ग पर पलट रहे मालवाहक

मुजफ्फरपुर : बेला औद्योगिक इलाके में जलजमाव की समस्या से उद्यमी अभी भी परेशान हैं। उनको इससे निजात नहीं मिल पा रही है। बारिश की रफ्तार थम गई, लेकिन 50 फैक्ट्रियां अभी जलजमाव की चपेट में हैं। इससे उत्पादन प्रभावित है। मुख्य मार्ग पर मालवाहक वाहक पलट रहे हैं।

उत्तर बिहार उद्यमी संघ के महामंत्री विक्रम कुमार विक्की ने बताया कि बेला में चार सौ फैक्ट्रियां हैं। इस बार 250 फैक्ट्रियों में पानी प्रवेश कर गया। इससे करीब 50 करोड़ का नुकसान हुआ है। अभी धीमी गति से उद्योग चालू हुए हैं। अब चोरों का आतंक है। फैक्ट्री बंद होने से जलजमाव के बीच सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। इसका चोर फायदा उठा रहे हैं। परिसर में मुख्य सड़क पर जलजमाव से मालवाहक वाहन और मजदूरों को आने में परेशानी हो रही है। व्यापारी भी फैक्ट्री तक नहीं आ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को लगा था कि अब बारिश थम गई। उसके बाद फैक्ट्री में कच्चा माल का स्टाक किया गया। सितंबर के अंत से अक्टूबर के पहले सप्ताह तक जोरदार बारिश से सब बर्बाद हो गया। फैक्ट्री में पानी घुसने से मोटर पंप व अन्य संयंत्र खराब हो गए हैं।

उद्यमी अवनीश किशोर ने कहा कि इस बार की बारिश ने सबकी कमर तोड़ दी है। उनके यहां चार माह से उत्पादन ठप है। फैक्ट्री का बिजली बिल व मजदूरों को पगार देने का संकट है। बारिश थमी रही तो आने वाले दिनों में उत्पादन की उम्मीद है। बारिश व जलजमाव से कई जरूरी उपकरण खराब हो गए हैं। इन समस्याओं से जूझ रहे उद्यमी

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– जलनिकासी के लिए नाला का निर्माण नहीं किया जा रहा है।

पुराने नाले की सही तरीके से दो साल से नहीं कराई गई उड़ाही।

– मुख्य सड़क जर्जर है। इससे वाहनों और मजदूरों को आने में हो रही परेशानी।

– बेला औद्योगिक परिसर में स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं। बारिश में रात में आने-जाने में होती परेशानी।

– उद्यमियों ने दिया था चार सौ लाइट लगाने का प्रस्ताव। बियाडा प्रशासन की ओर से सौ लाइटों पर सहमति बनी। दो माह गुजरने के बाद भी नहीं लगाई जा सकीं सोलर लाइटें।