पटना : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने साफ कर दिया है कि सैरातों की बंदोबस्ती करने वाली कमेटी में अभी त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधि शामिल नहीं होंगे। पंचायत चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद नव निर्वाचित प्रतिनिधियों को सदस्य बनाया जाएगा, लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों की गैरमौजूदगी के बावजूद सैरातों की नीलामी की प्रक्रिया जारी रहेगी। नगर क्षेत्रों में अवस्थित सैरातों पर इस पाबंदी का असर नहीं रहेगा।
मालूम हो कि राजस्व विभाग नए सिरे से सैरातों की बंदोबस्ती कर रहा है। कोरोना के चलते पिछले दो वित्तीय वर्षों में सैरातों की बंदोबस्ती मद में आमदनी बाधित हो रही है। सैरात के तहत बस स्टैंड, हाट, बाजार, मेला परिक्षेत्र आदि आते हैं। सरकार नीलामी के जरिए सालाना बंदोबस्ती करती है। कोरोना काल में बाजार बंद रहे। इसका असर सैरात की वसूली पर भी पड़ा। बंदोबस्तधारियों ने घाटा के नाम पर सुरक्षित जमा राशि वापस करने की मांग की। सरकार ने घाटे का मूल्यांकन कर आंशिक राशि लौटाने का भी फैसला किया है। इसके लिए प्रमंडल से लेकर अंचल स्तर तक कमेटी बनी है।
सूत्रों ने बताया कि कई जिलों से पूछा जा रहा था कि सैरात की नई बंदोबस्ती के लिए बनने वाली कमेटी में त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधि रहेंगे या नहीं। भू-अर्जन निदेशक सुशील कुमार ने प्रमंडलीय आयुक्तों एवं जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर बता दिया है कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नव निर्वाचित प्रतिनिधि कमेटी में रखे जाएंगे।