मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से पैट-2020 के परिणाम पर आपत्ति और किसी प्रकार का दावा करने की तिथि शनिवार को समाप्त हो गई। अंतिम दिन 50 से अधिक अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र में गड़बड़ी व परीक्षा में अनुपस्थित बता देने को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। पैट के नोडल पदाधिकारी प्रो.प्रमोद कुमार ने बताया कि जिन सवालों के जवाब पर छात्रों को आपत्ति होगी तो एजेंसी से इस संबंध में पूछताछ की जाएगी।
कमेटी विद्यार्थियों के आवेदन को देखेगी और उसमें जिन विद्यार्थियों का दावा उचित होगा उनका परिणाम सुधारा जाएगा। बताया कि करीब 150 अभ्यर्थियों ने आपत्ति दर्ज कराई है। नेट उत्तीर्ण कई अभ्यर्थियों ने भी आवेदन दिया है। उनका कहना है कि उन्हें परीक्षा से दूर रखा गया था, जबकि जारी परिणाम में उनके नाम के आगे अनुपस्थित लिख दिया गया है। बताया कि आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग के बाद सोमवार को विषयवार अलग करके समीक्षा की जाएगी। इसके बाद मंगलवार को निर्णय लेते हुए साक्षात्कार की तिथि जारी करने को लेकर अधिकारियों व कमेटी के सदस्यों की बैठक होगी।
डा.प्रमोद ने कहा कि इस महीने में हर हाल में साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी ताकि वर्तमान सत्र के पैट की परीक्षा में शेष सीटों को जोड़कर आवेदन आमंत्रित किया जा सके। बता दें कि 1414 सीटों के लिए पैट का आयोजन किया गया था। इसमें सभी 26 विषयों में नेट और पैट उत्तीर्ण को मिलाकर कुल 1164 अभ्यर्थी ही हैं। ऐसे में करीब ढाई सौ सीटें अगले पैट में जोड़ी जाएंगी। अगले पैट के लिए नवंबर के अंतिम सप्ताह तक आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
कालेजों को लेना है आवेदन, छात्रों को भेज देते विवि
मुजफ्फरपुर : डिग्री समेत अन्य समस्याओं को लेकर कालेजों की ओर से विवि के निर्देशों की अनदेखी की जा रही है। इसका परिणाम है कि प्रतिदिन विद्यार्थियों को कालेज से विवि और यहां से फिर कालेज का चक्कर काटना पड़ रहा है। डिग्री को लेकर करीब डेढ़ महीने पूर्व ही विवि की ओर से निर्देश दिया गया था कि कालेज विद्यार्थियों का आवेदन समेकित कर उसे अपने रिकार्ड से सत्यापित करके विवि को भेजें।
कालेजों की ओर से प्राप्त आवेदन से ही डिग्री तैयार कर उन्हें भेजी जाएगी। इसके बाद भी कई कालेजों में डिग्री के लिए विद्यार्थियों के आवेदन को अग्रसारित कर विवि में भेज दिया जाता है। छात्र विवि पहुंच कर डिग्री देने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में प्रतिदिन परीक्षा विभाग में सैंकड़ों की संख्या में विद्यार्थी टहलते रहते हैं। विभिन्न प्रमाणपत्रों में सुधार के लिए भी यही प्रक्रिया है। वहीं, कालेज इसे सुधार कराने के लिए भी एकल छात्रों का आवेदन अग्रसारित कर विवि को भेज रहे हैं। विवि की ओर से छात्रों को कालेज में जमा करने को कहा जा रहा है। इससे छात्रों का समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है। कई छात्रों ने बताया कि दो-तीन वर्ष पूर्व डिग्री के लिए आवेदन दिया था। अब कालेज में पूछने पर कहा जा रहा कि डिग्री आएगी तो मिलेगी। कई विद्यार्थियों को नौकरी में डिग्री देनी है। ऐसे में उनकी परेशानी सुनने वाला भी कोई नहीं है।