कटिहार। गंगा, कोसी, महानंदा और बरंडी नदी के जलस्तर में पिछले 48 घंटे के दौरान कमी दर्ज की गई है। जलस्तर में कमी आने के बाद भी सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने बाढ़ विस्थापितों की मुश्किलें बढ़ा दी है।
जलस्तर में कमी आने से बाढ़ प्रभावित इलाकों से धीरे धीरे पानी निकलना शुरू हो गया है। कुरसेला, अमदाबाद, मनिहारी एवं बरारी प्रखंड में बाढ़ृ की स्थिति अब भी विकराल बनी हुई है। बाढ़ नियंत्रण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अगले 24 घंटों में जलस्तर में और कमी आने की संभावना है। जलस्तर में कमी होने के साथ ही गंगा और महानंदा नदी से कटाव का खतरा बढ़ने लगा है।
लगातार हो रही बारिश से विस्थापितों की बढ़ी परेशानी पिछले तीन दिनों से रूक रूककर हो रही बारिश से बाढ़ से विस्थापित परिवारों की परेशानी और भी बढ़ गई है। कई विस्थापित परिवारों को प्रशासनिक स्तर से अब तक प्लास्टिक शीट उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण सड़क, रेल पटरी के किनारे और बांधों पर शरण लिए विस्थापित परिवार सैलाब के बीच किसी तरह बारिश से अपने को बचा रहे हैं। बारिश के बीच पशुचारे की किल्लत से पशुपालकों को अपने मवेशी की भूख मिटाने की चिता भी सता रही है।
कहां कितना दर्ज किया गया जलस्तर
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल से मिली जानकारी के मुताबिक झौआ में महानंदा का जलस्तर बुधवार की दोपहर 31.58 मीटर दर्ज किया गया। यहां जलस्तर में दो सेमी की कमी दर्ज की गई है। बहरखाल में जलस्तर में तीन सेमी की कमी के साथ महानंदा 31.32 मीटर पर बह रही है। आजमनगर में 30.58 मीटर, धबौल में 29.95 मीटर, कुर्सेल में 31.64 मीटर, दुर्गापुर में 28.70 मीटर तथा गोविदपुर में महानंदा का जलस्तर 29.95 मीटर दर्ज किया गया है।
गंगा नदी का जलस्तर रामायणपुर में 28.16 मीटर तथा काढ़ागोला में 31.17 मीटर दर्ज किया गया है। कारी कोसी का जलस्तर 28.91 मीटर, एनएच 31 पर डुमर के समीप बरंडी नदी का जलस्तर 31.40 मीटर दर्ज किया गया है। कुरसेला ब्रिज के समीप कोसी नदी खतरे के निशान से 1.20 मीटर ऊपर 31.20 मीटर पर बह रही है।