जमुई। कोरोना की संभावित तीसरी लहर का खतरा सिर पर मंडरा रहा है। इससे निपटने और बचाव को लेकर शासन-प्रशासन कवायद में लगी है, लेकिन मुख्यालय स्थित केकेएम कालेज की तस्वीर डरा रही थी। ऐसी स्थिति महिला कालेज, एकलव्य कालेज, उच्च विद्यालय जमुई बाजार सहित जिले के अधिकांश कालेजों और स्कूलों में दिखी। कोरोना के खतरे को लेकर प्राचार्य व प्रधानाध्यापक लापरवाह बने हैं। संक्रमण को लेकर बेखौफ हैं।
सरकार के आदेश और जिला प्रशासन के निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है। गाइडलाइन की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शहर के एकमात्र सरकारी व नामचीन कालेज केकेएम कालेज की सोमवार को जब पड़ताल की गई तो यहां की स्थिति और भयावह दिखी। जहां इंटर के नामांकन के लिए बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं की भीड़ काउंटर पर लगी रही। पूरा बरामदा छात्र- छात्राओं से भरा था। अधिकांश बच्चे बिना मास्क के ही कालेज पहुंचे थे। इतना ही नहीं यहां के कर्मी भी बिना मास्क के थे।
नामांकन व फार्म जमा लेने के लिए बच्चे हंगामा भी कर रहे थे। प्राचार्य गेट और काउंटर बंद कर अंदर से ही तमाशा देख रहे थे। तकरीबन दो घंटे तक अधिकांश बच्चे बिना मास्क के हल्ला करते रहे। इस दौरान कालेज कर्मी को मीडिया के आने की खबर मिली तो आननफानन में काउंटर खोलकर सभी बच्चों का फार्म जमा लिया गया, लेकिन कई बच्चे बिना फार्म जमा किए ही वापस लौट गए। फार्म जमा ले रहे केकेएम कालेज के असिस्टेंट कार्यालय सहायक सुशील कुमार ने कहा कि उन्हें सिर्फ नामांकन करने का निर्देश मिला है। कोरोना गाइड लाइन के किसी प्रकार का निर्देश उन्हें नहीं मिला है। सिर्फ नामांकन का निर्देश मिला है इसलिए वे नामांकन ले रहे हैं।
प्राचार्य ने मीडिया कर्मी से बात करने से किया परहेज
केकेएम कालेज में उमड़ती छात्र- छात्राओं की भीड़ और हल्ला करते बच्चे को देख प्राचार्य डा. जगरूप प्रसाद से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ बताने से इनकार कर दिया। बंद गेट को भी नहीं खोलने की कर्मियों को निर्देश दिया और मीडिया कर्मी से बाद में बात करने की कही, लेकिन जब फोन से संपर्क करने की कोशिश की गई तो केकेएम कालेज के प्राचार्य फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझे।
छात्राओं के लिए नहीं है कोई सुविधा
इतने नामचीन कालेज की विडंबना देखिए कि यहां छात्रा के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है। छात्रों के बीच में घुसकर छात्रा फार्म जमा करने व नामांकन कराने के लिए मजबूर हैं। यहां न छात्रा के लिए कामन रूम की सुविधा है और न हो शौचालय की सुविधा है। इतना ही नहीं छात्राओं के लिए अलग काउंटर या पूछताछ केंद्र भी नहीं बनाया गया था।
नामांकन में 100 रुपये लिया जा रहा अधिक
केकेएम कालेज की पड़ताल के दौरान कालेज कर्मी द्वारा नामांकन में ज्यादा पैसा वसूली की जा रही थी। जब कैमरे की चमक पर कर्मियों की नजर पड़ी तो वे सावधान हो गए और पैसा वापस करने की भी बात कही। उन्होंने यह तो स्वीकार किया कि पैसा ज्यादा ली गई है, लेकिन उसे वापस किया जा रहा है। मनीष कुमार, राजेश कुमार, राहुल कुमार सहित अन्य छात्रों ने बताया कि काउंटर पर रसीद 1500 रुपये का देकर 1600 रुपये लिया जा रहा है और 1000 रुपये का रसीद देकर किसी से 1050 तो किसी से 1100 रुपये लिया जा रहा है।