मुजफ्फरपुर जिले के देवरिया के रामलीला गाछी में शुक्रवार को मेले में पशु बलि रोकने पहुंची पुलिस पर लोगों ने लाठी-डंडे व बांस से हमला कर दिया। टीम पर रोड़ेबाजी भी की। इसमें देवरिया थानेदार समेत पांच पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। इसके बाद पुलिस ने हवा में फायरिंग कर अपनी जान बचायी और मुख्यालय से गई पुलिस टीम ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। लेकिन, रामलीला गाछी में तनाव जारी है। पुलिस कैंप कर रही है। फिलहाल मामले में पुलिस ने तीन उपद्रवियों को हिरासत में लिया है। आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है। हालांकि पुलिस फायरिंग की पुष्टि नहीं कर रही है।
इधर, मेले के दौरान बवाल की सूचना मिलते ही डीएम प्रणव कुमार, एसएसपी जयंतकांत, एसडीओ डॉ. एके दास व पारू इंस्पेक्टर दिगंबर कुमार के अलावा देवरिया के आसपास की सभी थाने की पुलिस पहुंची। रामलीला गाछी इलाके में फ्लैग मार्च किया। पुलिस टीम गांव व आयोजन स्थल पर कैंप भी कर ही है। इसके अलावा जिला मुख्यालय से क्यूआरटी, पुलिस लाइन से रंगरुट आदि को भी भेजा गया है। घायल थानेदार संजय स्वरूप, जमादार निशार अहमद खां, महिला सिपाही सध्या कुमारी, राधा कुमारी समेत पांच का स्थानीय स्तर पर इलाज कराया गया है। एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि पुलिस ने स्थिति नियंत्रण में कर लिया है। हमला करने वालों को चिह्नित किया गया है। उनपर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
महिला सिपाहियों से भीड़ गई थी महिलाएं
रामलीला बाजार पर जुलूस व मेला के आयोजन को लेकर पूर्व से तनाव था। इसको लेकर गुरुवार को भी एसएसपी जयंतकांत व एसडीओ पश्चिमी डॉ. एके दास ने आयोजकों को समझाया था। शांति समिति की बैठक की थी। लोगों को आयोजन नहीं करने की हिदायत भी दी थी। पुलिस व दंडाधिकारी की तैनाती थी। इसके बावजूद आयोजक ने मेला में पशु बलि दे दी। इसकी सूचना पर पहुंची देवरिया थाने की पुलिस ने आपत्ति जतायी। पुलिस ने महिलाओं को समझाने का प्रयास किया। लेकिन, वे लोग नहीं मानी। इसके बाद महिला पुलिसकर्मियों ने सख्ती दिखायी। इसपर स्थानीय महिलाएं सिपाहियों से भीड़ गई और हमला कर दिया।
महिला की भीड़ में शामिल हुए उपद्रवी
महिलाओं के हमला करने के बीच में ही दर्जनों उपद्रवी भी शामिल हो गए। पुलिस को लाठी डंडे से रोक दिया और पुलिस पर हमला कर दिया। इसके बाद पुलिसकर्मी मौके से भागने लगे। करीब आधा किलोमीटर तक पुलिस को खदेड़ दिया। किसी तरह पुलिसकर्मी जान बचाए। इसकी सूचना पर थाने से और पुलिस पदाधिकारी जवानों के साथ पहुंचे। उनलोगों की ओर से फायरिंग कर उन्हें भीड़ से निकाला गया।
Source-hindustan