गया। यूरिया की किल्लत के कारण किसानों को काफी परेशानी हो रही है। यूरिया की खरीदारी करने के लिए किसानों को सुबह से शाम तक लंबी लाइन लगानी पड़ रही है। उसके बाद भी किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया नहीं मिल रहा है। क्योंकि जिले में फर्टिलाइजर कंपनियों द्वारा काफी कम मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराया गया है।
जिसके कारण जिले में यूरिया की किल्लत बनी हुई है। यूरिया की खरीदारी करने के लिए किसान सुबह से ही दुकानों पर पहुंच लगते है। जहां तीन से चार घंटे तक इंतजार करने के बाद खाद की दुकानें खुलती है। लाइन में लगे किसानों को एक बोरा से अधिक यूरिया विक्रेता द्वारा नहीं दिया जा रहा है। लंबे इंतजार के बाद भी किसानों को पर्याप्त मात्रा में भी यूरिया नहीं मिल रहा है।
यूरिया के खरीदारी करने के लिए सबसे अधिक किसानों की भीड़ शहर के किरानी घाट स्थित खाद की दुकानों में देखा जा रहा है। यही हाल जिले कई बाजार खिजरसराय, टेउसा, टेटूआ, बेलागंज, मानपुर, शेरघाटी, इमामगंज, वजीरगंज सहित कई स्थानों पर है। जहां किसानों को लाइन में लगकर यूरिया का खरीदारी करना पड़ रहा है।
किसानों को दिया जा रहा अतिरिक्त बोझ खाद विक्रेताओं द्वारा किसानों को अतिरिक्त बोझ दिया जा रहा है। यूरिया के साथ डीएपी खाद भी किसानों को दिया जा रहा है। जिससे किसानों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। किसान नीतीश कुमार, राजाराम ¨सह एवं रामाधार शर्मा ने कहा कि खाद विक्रेताओं द्वारा एक आधार कार्ड पर एक बोरा यूरिया दिया जा रहा है। एक बोरा से अधिक यूरिया खरीदने पर साथ में डीएपी खाद भी दिया जा रहा है। जिससे किसानों को अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। क्योंकि डीएपी खाद का दाम 1200 रुपये से अधिक है।
कुछ समय के लिए खुल रही हैं दुकानें खाद की दुकान कुछ समय के लिए खुल रही हैं। सुबह में एक से दो घंटा ही दुकानें खुलती है। 15-20 किसानों को यूरिया देने के बाद खाद विक्रेता ¨लक फेल होने का बहाना बनाकर दुकान बंद कर देते है। किसान लाइन में लगे खड़े-खड़े रह जाते हैं। किसान रामविनय ¨सह ने कहा कि खाद विक्रेताओं द्वारा मनमानी की जा रही है। जिससे देखने वाला कोई भी पदाधिकारी नहीं है। किसान बेचारा बनकर रह गया है। धान में यूरिया के छिड़काव नहीं होने के कारण फसल खराब हो रही है।
जिले को जरूरत से कम मिल रहा है यूरिया जिले को जरूरत से काफी कम मात्रा में फर्टिलाइजर कंपनियों द्वारा यूरिया उपलब्ध कराया जा रहा है। अगस्त महीने में यूरिया 10420 टन उपलब्ध करना है। लेकिन अभी तक फर्टिलाइजर कंपनियों द्वारा मात्रा 4131 टन यूरिया दिया गया है। जरूरत से 6289 टन कम यूरिया दिया गया है। वहीं पिछले महीने जुलाई में भी पांच सौ टन कम यूरिया कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराया गया है। जिससे के कारण जिले में यूरिया का किल्लत बना हुआ है।
किसानों को 266 रुपये में यूरिया मिल रहा है। धान की रोपनी थोड़ी पीछे होने के कारण अचानक यूरिया की मांग बढ़ गयी है। अभी यूरिया की थोड़ी किल्लत है। एक सप्ताह में स्थिति सामान्य हो जाएगी। यूरिया का कमी नहीं होगा। सुदामा महतो, जिला कृषि पदाधिकारी