बेगूसराय। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से बछवाड़ा प्रखंड के चमथा पंचायत-1, 2, 3, विशनपुर और दादूपुर के गांवों की मुख्य सड़कों पर नावें दौड़ रही हैं। दियारा की करीब 50 हजार की आबादी चारों तरफ पानी से घिरी हुई है। अब ग्रामीणों के सामने भोजन की समस्या खड़ी हो गई है। चमथा के इन इलाकों में पानी भरने से ग्रामीणों को एक वक्त की रोटी भी नहीं मिल पा रही है।
खासकर बच्चे, वृद्ध, प्रसूता महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दियारा के ज्यादातर घरों में पानी घुस गया है. लोग पानी से घिरे हैं। लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए नाव ही सहारा है। लेकिन, पर्याप्त संख्या में नाव उपलब्ध नहीं हैं। प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविरों की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि पशुओं के चारे की समस्या गंभीर होती जा रही है। बाढ़ की चपेट में आने से लाखों की फसल बर्बाद हो गई है। दियारा इलाके से संपर्क टूट गया है। चमथा की पांच पंचायतों की मुख्य सड़कें, स्कूल, कॉलेज आदि पानी में डूब गए हैं।
मूलभूत सुविधाओं में लोगों को गैस एजेंसी, बैंक, सीएसपी, बाजार आदि जाने में दिक्कत हो रही है। स्वास्थ्य सेवाएं भी चरमरा गई हैं। स्वास्थ्य उपकेंद्र परिसर पानी में डूबा हुआ है। बच्चे, बूढ़े और महिलाएं पलायन को मजबूर हैं। सामुदायिक रसोई की मांग । बाढ़ से हुई तबाही के बीच चमथा के जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों ने कम्युनिटी किचन शुरू करने की मांग की है। स्थानीय समाजसेवी रंजीत कुमार राय ने प्रशासन से जल्द से जल्द कम्युनिटी किचन बनाने का आग्रह किया, ताकि लोग भूखे न रहें।