गया। रामशिला शिव मंदिर शहर के उत्तर में गया-पटना मुख्य सड़क पर स्थित है। मंदिर की पौराणिक कथाओं के कारण यहां साल भर शिव भक्तों की भीड़ लगी रहती है। मंदिर सौ फीट ऊंचा है। यह मंदिर रामशिला पर्वत की तलहटी में स्थित है। मंदिर चूने, गारे और पत्थर से बना है। जिसमें स्फटिक पत्थर का शिवलिंग स्थित है। इसके साथ ही मूंगे के पत्थर की गणेश, कार्तिकेय, सूर्य, गौरी, विष्णु, बजरंगबली आदि देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। मंदिर में देवताओं की 50 मूर्तियां स्थापित हैं।
मंदिर का इतिहास
मगध का इतिहास काफी प्राचीन है। लोगों का मानना है कि शिवलिंग की स्थापना भगवान श्रीराम ने की थी। क्योंकि मंदिर के पास ही रामकुंड की स्थिति है। गयाजी में पिंडदान के लिए भगवान श्रीराम आए हैं। रामकुंड में स्नान के बाद शिवलिंग की स्थापना की गई। ऐसा मंदिर टिकरी के राजा गोपाल शरण सिंह ने बनवाया है। जिसे करीब दो सौ साल पहले बनाया गया था। कहा जाता है कि यहां शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही शिवलिंग की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
सावन शुरू होते ही तैयारियां
सावन का महीना शुरू होते ही विकास समिति द्वारा मंदिर परिसर की सफाई शुरू कर दी जाती है। साफ-सफाई से सजावट की जाती है। हर सोमवार सुबह से ही पूजा, अर्चना और दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है। लेकिन कोरोना वायरस के कारण मंदिर बंद है। ऐसे में भक्त प्रवेश द्वार पर ही पूजा-अर्चना और दर्शन करेंगे।
मंदिर के पुजारी दीपनारायण पांडेय ने बताया कि शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है। मंदिर में प्रवेश करने के बाद भक्त कभी-कभी खाली हाथ लौट जाते हैं। शिवलिंग को ध्यान से देखने पर भगवान भोलेनाथ का पूरा परिवार दिखाई देता है। यहां प्राचीन काल की कई मूर्तियां स्थापित हैं। श्रावण मास में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। लेकिन कोरोना के कारण मंदिर बंद है।