फर्जी सर्टिफिकेट बनाने के खेल का पर्दाफाश

किशनगंज। प्रशासन ने शुक्रवार को जिला परिषद कार्यालय परिसर स्थित एक दुकान में चल रहे फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का भंडाफोड़ किया। डीएम डॉ. आदित्य प्रकाश के निर्देश पर एसडीएम शाहनवाज अहमद नियाजी, नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार व सांख्यिकी अधिकारी ने नगर थाना के सहयोग से जिला परिषद कार्यालय के समीप स्थित मुकेश कम्प्यूटर नामक दुकान पर छापा मारा।

दुकान से संदेहास्पद कागज व सील बरामद किया गया है। छापेमारी के दौरान दुकान में काम कर रहे चार युवकों को हिरासत में लिया गया। जिन कम्प्यूटर शॉप कर्मियों को हिरासत में लिया गया है, उनमें मुकेश कुमार साह, राकेश कुमार के पिता विजय प्रसाद साह निवासी रोलबाग के साथ ही जुनैद आलम के पिता खुर्शीद अनवर निवासी रुइधासा खानका और आदित्य कुमार के पिता सपन दास निवासी धर्मगंज शामिल हैं। चारों को पुलिस हिरासत में लेकर थाने लाकर पूछताछ शुरू की गई है।

तलाशी के दौरान पुलिस ने कंप्यूटर की दुकान से कुछ संदिग्ध प्रमाण पत्र, दस्तावेज व अन्य दस्तावेज बरामद किए। कम्प्यूटर की दुकान से जो प्रमाण पत्र बरामद हुए हैं उनमें योजना एवं विकास विभाग, उप जिला अस्पताल, खड़गपुर का पता अंकित है। गिरफ्तार कंप्यूटर कर्मियों द्वारा फर्जी तरीके से जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज बनाने का मामला भी सामने आ रहा है। प्रमाण पत्र पर छपी मुहर भी फर्जी होने की आशंका है।

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नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी कि जिला परिषद कार्यालय के पास स्थित मुकेश कंप्यूटर सेंटर में फर्जी तरीके से जन्म प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है। सूचना मिलने के बाद एसडीएम के नेतृत्व में उक्त दुकान में छापेमारी की गयी। छापेमारी के दौरान दुकान की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान दुकान से कुछ प्रमाण पत्र बरामद हुए, जो प्रथम दृष्टया फर्जी लग रहे हैं। प्रमाण पत्र में उप जिला अस्पताल खड़गपुर का पता अंकित था। दुकान से इसी तरह आयु प्रमाण पत्र बनाया जा रहा था।

जबकि नियमानुसार आयु या मृत्यु प्रमाण पत्र संबंधित कार्यालय में उसी स्थान पर बनवाना होता है जहां जन्म और मृत्यु होगी। तलाशी के दौरान बरामद प्रमाण पत्र भी फर्जी लग रहे हैं। जिस संस्थान से प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। उन्हें जांच के लिए पत्र भी लिखा जा रहा है। कार्रवाई के बाद प्रशासन ने दुकान को सील कर दिया है। गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ के बाद पता लगाया जा रहा है कि ठगी के इस काले खेल में शामिल लोग कौन हैं।