पटना. बिहार में कई जिलों में आई भीषण बाढ़ ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा की जा रही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और ग्राम कचहरियों के चुनाव की तैयारियों पर अंकुश लगा दिया है. संभावना इस बात की जताई जा रही है कि राज्य निर्वाचन आयोग अगस्त के दूसरे पखवाड़े के बाद ही पंचायत चुनाव की घोषणा कर पाएगा. दरअसल उत्तर बिहार में करीब 8 से 10 जिले भीषण बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. इस कारण चुनाव की तैयारियों में भी बाधा आ रही है.
यही नहीं, आज से विभिन्न राज्यों से मंगाई जाने वाली ईवीएम का ब्यौरा जिलेवार लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसके बाद ईवीएम की एफएलसी भी की जानी है. सभी जिलों में पहले से निर्धारित राज्यों से ईवीएम मंगाए जा रहे हैं. सभी जिलों को 15 जुलाई से पहले ईवीएम मंगा लेने को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश दिया गया था. आयोग द्वारा सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों से ईवीएम की एफएलसी यानी फर्स्ट लेवल चेकिंग शुरू कराने की तैयारियों पर रिपोर्ट मांगी गई है.
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अब राज्य निर्वाचन आयोग करेगा ये काम
इसके अलावा जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा 10 चरणों में प्रखंड वार चुनाव कराने को लेकर बनाई गई रणनीति की समीक्षा के बाद आयोग अब सरकार से अनुमति लेने की प्लानिंग में जुट गया है. हालांकि समस्या बाढ़
को लेकर सामने आ रही है. वैसे शिक्षक नियोजन और ऑनलाइन शिक्षकों के तबादले को लेकर भी सरकार से हरी झंडी मिलने का इंतजार आयोग को है. प्रशासनिक महकमे में इस बात की चर्चा चल रही है कि आयोग सितंबर के दूसरे सप्ताह में नामांकन का काम शुरू करने की योजना बना रहा है और अक्टूबर प्रथम सप्ताह से चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस बार पंचायत और ग्राम कचहरियों के लिए करीब ढाई लाख पदों पर चुनाव होना है. आयोग इसमें 4 पदों का चुनाव ईवीएम के माध्यम से करवा रहा है, वहीं पंच और सरपंच का पद मतपत्र के माध्यम से चुना जाएगा.
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फर्जी वोटिंग रोकने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने उठाया बड़ा कदम
बिहार पंचायत चुनाव में इस बार बोगस वोटिंग करने वालों की खैर नहीं होगी, क्योंकि आयोग पंचायत चुनाव में पहली बार ईवीएम का प्रयोग करने के साथ ही कई नए प्रयोगों को मूर्त रूप देने में लगा है. पंचायत चुनाव के दौरान पहली बार मतदान केंद्रों पर वोटरों की हाजिरी बनाने के लिए बायोमेट्रिक मशीन का प्रयोग पर फैसला भी अंतिम चरण में है. मतदान के दौरान उंगलियों पर अमिट स्याही का प्रयोग तो किया ही जाएगा साथ ही बायोमेट्रिक हाजिरी का भी प्रबंध किया जाना है. जबकि राज्य सरकार की सहमति मिलने के बाद हर मतदान केंद्र पर एक बायोमेट्रिक मशीन लगाए जाने की योजना है. अपना वोट देने आने वाले हर मतदाता की इस बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से पहचान सुनिश्चित हो जाएगी. समूचे राज्य में लगभग 1 लाख 10 हजार बूथों पर बायोमेट्रिक मशीन लगाए जाने की योजना है.
Source-news 18