पटना। शिक्षा विभाग के आदेश पर 10वीं कक्षा से ऊपर के सरकारी व निजी शिक्षण संस्थान खुल गए हैं, लेकिन अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। सरकार ने 50 फीसदी बच्चों को एक दिन के अंतराल पर स्कूल बुलाने का आदेश दिया है। कई स्कूलों में 30 प्रतिशत बच्चे भी स्कूल नहीं जा रहे हैं। ऐसे में स्कूलों ने 100 फीसदी बच्चों को बुलाने की कोशिश शुरू कर दी है ताकि कक्षाओं में कम से कम 50 फीसदी उपस्थिति हो सके।
पटना जिले में 24246 छात्र इंटर में नामांकित हैं। मंगलवार को 12123 छात्रों को बुलाया गया, लेकिन 4273 छात्र ही स्कूल पहुंचे. केंद्रीय विद्यालय कंकड़बाग के प्राचार्य एमके सिंह का कहना है कि बच्चे कम आ रहे हैं। हालांकि इसके धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद है। वहीं एसोसिएशन ऑफ पब्लिक स्कूल्स के कोषाध्यक्ष एके नाग का कहना है कि अभी कई अभिभावकों को कोरोना संक्रमण का डर सता रहा है. वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते। अगर दूसरे बच्चे स्कूल आएंगे तो उनका भी आत्मविश्वास बढ़ेगा तो वे भी उन्हें स्कूल भेजने लगेंगे।
टीकाकरण के बाद स्कूल भेजेंगे
राजधानी के एक नामी स्कूल में बच्चे को पढ़ाने वाले अभिभावक अतुल अभिनव का कहना है कि फिलहाल भीड़ में बच्चे को स्कूल भेजना सुरक्षित नहीं है। इससे कई समस्याएं हो सकती हैं। राजधानी अभी भी कोरोना संक्रमण से मुक्त नहीं हुई है। वहीं अभिभावक डॉ. राकेश कुमार शर्मा का कहना है कि उम्मीद है कि जल्द ही बच्चों की वैक्सीन आ जाएगी। टीकाकरण के बाद बच्चों को स्कूल भेजने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इसी तरह राजधानी के अधिकतर अभिभावक प्रतीक्षारत अवस्था में हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि अपने बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं।
दूसरे दिन स्कूलों में बढ़े 30 प्रतिशत बच्चे
सीबीएसई पाटलिपुत्र सहोदय के अध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन सिन्हा का कहना है कि दूसरे दिन स्कूलों में बच्चों की संख्या में 30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। बुधवार को इसके और बढ़ने की उम्मीद है। डॉ. सिन्हा का कहना है कि इस सप्ताह के अंत तक बच्चों की उपस्थिति सामान्य हो जाएगी। अब बड़ी संख्या में अभिभावक अपने गांव जा चुके हैं। स्कूल खुलने के बाद वे धीरे-धीरे लौट रहे हैं।