मुजफ्फरपुर : मुसहरी प्रखंड के नौ पंचायतों के 41 गांवों के आठ हजार परिवारों की 40 हजार की आबादी पुराने गंडक के पानी की चपेट में आ गई है। कई गांवों का प्रखंड व जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। इन परिवारों का विस्थापन अपने घरों से सुरक्षित स्थान पर शुरू हो गया है।
बुधवार को कोठिया से लेकर रजवाड़ा, मुशहरी, बुधनगर, बिंदा, मनिका, बिशुनपुर चाड और डुमरी गांव तक बूढ़ी गंडक नदी के दक्षिणी तटबंध पर मवेशियों समेत बड़ी संख्या में परिवारों ने डेरा डाला है। इधर, शेखपुर, बड़ा जगन्नाथ और अब्दुलनगर पंचायतों की एक बड़ी आबादी और जमालाबाद पंचायत की एक बड़ी आबादी अखाड़ाघाट पुल से आगे ऊंची जमीन पर पहुंच गई है।
हर जगह रोशनी, शौचालय, पीने के पानी, पशु चारा, स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव था। ग्रामीणों ने सरकारी नाव नहीं चलने की शिकायत की। सामुदायिक रसोई की कहीं भी व्यवस्था नहीं है। मुशहरी सीओ सुधाशु शेखर ने कहा कि गुरुवार तक प्रभावित स्थलों पर नाव, पॉलीथिन की व्यवस्था कर दी जाएगी। जल्द ही कम्युनिटी किचन की भी व्यवस्था की जाएगी।
कांटी की तीन पंचायतों में आई भीषण बाढ़, विधायक ने लिया जायजा
कांटी प्रखंड की तीन पंचायतों के कई वार्डों में बाढ़ की स्थिति विकराल हो गई है। लसगरीपुर पंचायत के तहत एनएच 57 बाढ़ पीड़ितों का नया आश्रय स्थल बनता जा रहा है। मिथनसराय, विजय छपरा समेत कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। इससे हजारों की आबादी के सामने परिवहन, पशु चारा, पेयजल, शौचालय, जीवन रक्षक दवा, जलाऊ लकड़ी की समस्या खड़ी हो गई है। विजयी छपरा गांव की हालत बद से बदतर होती जा रही है। लोग घरों की छतों पर कैद हैं।
इधर बुधवार को कोल्हुआ दादर विजयी विधायक इजराइल मंसूरी छपरा रिंग डैम के मरम्मत कार्य का निरीक्षण कर पीड़ितों की देखभाल करने पहुंचे। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में कम्युनिटी किचन के साथ-साथ तिरपाल, दवाओं की व्यवस्था बिना किसी देरी के करने को कहा। इस अवसर पर प्रखंड अध्यक्ष सुरेंद्र राय, अवधेश सिंह, अजय राय, रघुनाथ पासवान, स्थानीय प्रमुख, कार्यपालक अभियंता बबन पडे, सहायक अभियंता बेचन झा, कनिष्ठ अभियंता आदि उपस्थित थे।