भागलपुर। कोसी और सीमांचल में आधा दर्जन नदियां उफान पर हैं। वे खतरे के निशान को छूने के लिए बेताब हैं। इन इलाकों के 75 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। कुछ गांव पानी से घिरे भी हैं। यहां न तो नाव की व्यवस्था की गई है और न ही मेडिकल टीम की। व्यवस्था के नाम पर सिर्फ कागज के घोड़े चलाए जा रहे हैं। प्रशासन इस स्थिति को बाढ़ मानने को तैयार नहीं है, जिसके चलते अभी तक सरकारी राहत शुरू नहीं हो पाई है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की ओर पलायन भी बढ़ रहा है। एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक बाढ़ प्रभावित इलाकों से करीब तीन लाख लोग रोजगार के लिए पलायन करते हैं। लॉकडाउन के चलते इस बार वे कहीं बाहर नहीं निकल पाए। अभी कोरोना की तीसरी लहर को लेकर संशय की स्थिति है। इन क्षेत्रों के श्रमिकों के पास जमा राशि समाप्त हो चुकी है। नतीजा यह है कि उनके बच्चे और परिजन सरकारी मदद को तरस रहे हैं। फिलहाल उनका कुछ काम पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के कारण चल रहा है।
रविवार को सुपौल जिले के तीन ब्लॉक किशनपुर, सरायगढ़ और मरौना के 46 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। लोगों में दहशत का माहौल था। सोमवार को कोसी का जलस्तर थोड़ा कम होने पर लोगों ने राहत की सांस ली। सुपौल जिले के सरायगढ़ के अंचल अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि कोसी का जलस्तर घटने लगा है। बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है।
इस बीच किशनगंज जिले के डिगलबैंक, ठाकुरगंज और कोचधामन प्रखंड के निचले इलाकों के 22 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए कुछ लोग ऊंचे स्थानों पर शरण भी ले रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने बाढ़ पीड़ितों के लिए किशनगंज में 122 स्थानों की पहचान की है। ठाकुरगंज एम. शफील, जफर और एम. उस्मान आलम ने बताया कि उन्हें राहत के नाम पर कुछ नहीं मिला है. किसी तरह कोरोना के कहर के बीच वे बाढ़ की लहर से जूझ रहे हैं।
कटिहार जिले की स्थिति थोड़ी अलग है। यहां आबादी के बीच पानी नहीं घुसा है, लेकिन खेत और खलिहान जलमग्न हैं. इस क्षेत्र के हजारों किसानों द्वारा तैयार की गई धान की पराली बर्बाद हो गई है। सहरसा में बालन नदी का जलस्तर बढ़ने से महिषी प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। लोगों को आने-जाने में भी परेशानी हो रही है।
बाढ़ का पानी अभी पूरी तरह नहीं फैला है। प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गई है। नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ी तो राहत कार्य भी शुरू किया जाएगा।