समस्तीपुर : दुल्हन बनकर बैठी 14 साल की बच्ची, अचानक पहुंची यूनिसेफ की टीम, जानिए फिर क्या हुआ?

एक्शन एड और यूनिसेफ की टीम ने गुरुवार को एक नाबालिग लड़की को कन्या वधू बनने से बचाया। सिंघिया प्रखंड के सिंघिया दो पंचायत के ढाकजरी गांव में 14 वर्षीय नाबालिग लड़की की शादी की तैयारियों की सूचना मिलने पर टीम गांव पहुंची और लड़की के परिजनों को शादी न करने के लिए राजी किया।

मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को लड़की की शादी सिंघिया प्रखंड के मिर्जापुर गांव के एक लड़के से होने वाली थी। जिसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सूचना मिलने पर रोसड़ा के एसडीओ व सिंघिया के बीडीओ के निर्देशन में प्रखंड समन्वयक माधव कुमार, सुषमा सिंह, चाइल्ड लाइन प्रतिनिधि ओमप्रकाश राय गांव पहुंचे और मुख्य उपप्रमुख रोशन कुमार सिंह, मुखिया रामशरण प्रसाद, पूर्व मुखिया निरंजन सिंह, विकास मित्रा ने देगू सदा और शैलेंद्र राम की मदद से नाबालिग की शादी रोक दी।

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उसने लड़की के पिता को 18 साल पूरे होने के बाद ही उससे शादी करने के लिए राजी किया। उन्हें नाबालिग की शादी के कानूनी पहलू के बारे में भी बताया गया। समझाने के बाद पिता से लिखित बयान लिया कि वह बच्ची के 18 साल की होने के बाद ही उसकी शादी करेगा। इस दौरान ब्लॉक एक्शन एड की समन्वयक सुषमा सिंह ने भी ग्रामीणों को बाल विवाह के दुष्परिणाम, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 की जानकारी दी।

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उन्होंने लोगों को बताया कि बाल विवाह में शामिल व्यक्तियों को किसी भी तरह से दो साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि बाराती, पंडित, मौलाना, टेंट हाउस, खाना पकाने वाले कैटरर्स और यहां तक ​​कि शादी के कार्ड छापने वाले प्रेस को भी दोषी ठहराया जाएगा।

चर्चा के दौरान उन्होंने लड़कियों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजना और मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत 21 किश्तों में 52 हजार एक सौ रुपये देने की भी जानकारी दी।