बिहार में पिछले एक हफ्ते से लगातार बारिश का सिलसिला जारी है. इसलिए नदियों में तेजी से उतार-चढ़ाव हो रहा है। पटना में जितनी तेजी से बढ़ी गंगा उतनी ही तेजी से नीचे आने लगी। लेकिन यह नदी हाथीदाह से भागलपुर तक तेजी से बढ़ी है। पटना के बहल के श्रीपालपुर में भी पुनपुन का जलस्तर थोड़ा बढ़ गया है। डिस्चार्ज कम होने का असर गंडक और कोसी पर देखने को मिल रहा है। अगर कोसी लाल निशान से नीचे आया तो गंडक लाल निशान से ऊपर होते हुए भी बहुत नीचे उतरा है। पिछले 24 घंटों में राज्य में सीतामढ़ी, मनेर, हाजीपुर और समस्तीपुर में भारी बारिश हुई है। सीतामढ़ी के ढेंग में सबसे अधिक 120 मिमी बारिश हुई है।
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समस्तीपुर में रोसड़ा में 107 मिमी और समस्तीपुर में 88 मिमी बारिश हुई है। हाजीपुर में 73 और पटना के मनेर में 51 मिमी बारिश हुई है। पुनपुन का जलस्तर सोमवार को 32 सेंटीमीटर बढ़ गया है। श्रीपालपुर में यह नदी अब लाल निशान से महज एक मीटर नीचे है। पटना के दीघा घाट पर रविवार को गंगा दो मीटर 67 सेंटीमीटर चढ़ी थी, सोमवार को 1.80 मीटर नीचे उतरी। इधर अब यह नदी लाल निशान से 2.71 मीटर नीचे चली गई है। गांधी घाट पर जल स्तर में मामूली वृद्धि हुई है और यह वहां के लाल निशान से करीब डेढ़ मीटर नीचे है। हाथीदाह में यह 51 सेंटीमीटर बढ़ कर लाल निशान से 1.66 मीटर नीचे है, जबकि मुंगेर में डेढ़ मीटर चढ़कर यह नदी लाल निशान से साढ़े तीन मीटर नीचे है। भागलपुर में भी यह करीब एक मीटर बढ़ा है लेकिन वहां अभी भी साढ़े तीन मीटर नीचे है।
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गंडक नदी के घटते बहाव का असर अब बाढ़ प्रभावित इलाकों में दिखने लगा है। इसके डिस्चार्ज को घटाकर 95 हजार क्यूबिक सेकेंड कर दिया गया है। इसलिए वर्तमान में यह रेवाघाट में केवल चार और डुमरियाघाट में 95 सेमी है। सीतामढ़ी के पुल को छोड़कर हर जगह बागमती का जलस्तर भी बढ़ गया है। इसके बावजूद सीतामढ़ी में यह अभी भी 1.85 मीटर, मुजफ्फरपुर में 1.67 मीटर और दरभंगा में करीब 5.6 मीटर है। मुजफ्फरपुर से खगड़िया तक बूढ़ी गंडक लाल निशान से काफी नीचे है। अधवारा, खिराई और घाघरा नदियों का भी यही हाल है। कमला बालन आज फिर जय नगर में उतर आई हैं।