कोरोना की दूसरी लहर के बीच दुनिया में तेजी से टीकाकरण शुरू हो गया है। इसके साथ ही वैक्सीन पासपोर्ट को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। यानी विदेश यात्रा के लिए टीकाकरण कराना जरूरी होगा। ऐसी संभावना है कि इसे वीजा की शर्तों में जोड़ा जा सकता है। इसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी इस दिशा में सक्रिय हो गया है। संभावना है कि संगठन आने वाले दिनों में सभी देशों से चर्चा के बाद इस बारे में विस्तृत गाइडलाइन जारी कर सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि ऐसी खबरें हैं कि कुछ देश अपने दिशा-निर्देश बना रहे हैं, जिसमें सभी मौजूदा टीके शामिल नहीं हैं। इसके बाद भारत समेत कई देशों ने इस मुद्दे को WHO के सामने रखा है। हालांकि डब्ल्यूएचओ वीजा के लिए अनिवार्य वैक्सीन की शर्त को जोड़ने के पक्ष में नहीं है, लेकिन संभावना है कि इसकी ओर से व्यापक गाइडलाइन जारी की जाएगी ताकि इस मुद्दे पर कोई भ्रम न हो।
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सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर देश चाहते हैं कि सभी मौजूदा टीकों को टीकाकरण में शामिल किया जाए। स्वास्थ्य बीमा बन सकता है विकल्प: सूत्रों के मुताबिक डब्ल्यूएचओ इसे यात्रा की जरूरी शर्त मानने के पक्ष में नहीं है। हालांकि, वैक्सीन लेने वालों को वरीयता दी जा सकती है। यदि किसी ने टीका नहीं लिया है, तो उसके पास पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा के साथ देश में प्रवेश करने से पहले क्वारंटाइन विकल्प को स्वीकार करने का विकल्प होना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने हाल ही में कहा था कि वैक्सीन पासपोर्ट को लेकर डब्ल्यूएचओ से बातचीत चल रही है और अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। भारत इस संबंध में अपने मुद्दों को सामने रखेगा। दरअसल, ऐसी खबरें थीं कि कुछ देश कोकीन को वैक्सीन पासपोर्ट का हिस्सा नहीं मान रहे हैं।