राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाए गए 886 मामले

बक्सर : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकरण के अध्यक्ष अंजनी कुमार सिंह व सचिव धर्मेंद्र कुमार तिवारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मौके पर न्यायिक पदाधिकारी व कार्यालय कर्मचारी मौजूद रहे।

अदालत सुबह साढ़े दस बजे शुरू की गई। शाम पांच बजे तक चले अदालत में विभिन्न वाद के 886 मामले का निपटारा कराया गया। इस दौरान अपने संबोधन में जिला जज ने कहा कि लोक अदालत सुलभ और एक ही दिन में मुकदमे के निपटारे का सुलभ रास्ता है। कोई भी व्यक्ति अपने वाद का निपटारा सुलह समझौते के माध्यम से करा सकता है। अदालत में बैंक के 652 व भारत संचार निगम लिमिटेड के 41, आपराधिक एक सौ 37 वाद, चेक बाउंस के नौ, मोटर वाहन अधिनियम के 9, श्रम अधिनियम के 2, विद्युत वाद के 35 मामले का निपटारा कराया गया। मौके पर न्यायिक पदाधिकारी धीरेंद्र बहादुर सिंह, अविनाश शर्मा, प्रियंका कुमारी, डिम्पी कुमारी, राकेश कुमार द्वितीय, छिपराचला अंजली, सीमा कुमारी, रमेश कुमार, राकेश रंजन सिंह, रंजन कुमार सिंह, नितिन त्रिपाठी, अवनींद्र प्रकाश, रिकी कुमारी, हमजा आलम, किरण कुमारी, जितेंद्र कुमार, शेषनाथ ठाकुर, दीपिका केशरी, कंचन कुमारी, रीमा कुमारी, कार्यालय कर्मी सुधीर कुमार, दीपेश कुमार श्रीवास्तव, मनोज कुमार रवानी, सुनील कुमार, सुमित कुमार, हरेराम यादव, कवींद्र पाठक समेत अन्य मौजूद रहे।

26 साल बाद एक हजार में निपटा विद्युत चोरी का मुकदमा

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राष्ट्रीय लोक अदालत में विद्युत चोरी का एक मामला महज एक हजार में 26 साल बाद निपटारा कराया गया। डुमरांव थाना कांड संख्या 194/1995 प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। मुकदमा जेएम प्रथम श्रेणी राजेश कुमार सिंह की अदालत में चल रही थी। जिसे दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर मुकदमों का निपटारा कराया गया। दर्ज प्राथमिकी में विद्युत विभाग ने मंसूर आलम को पार्टी बनाया था। मुकदमा न्यायालय के विभिन्न कोर्ट में लंबे समय से चल रही थी। आरोपित अपने दुकान में अवैध रूप से तार खिच कर विद्युत जला रहा था। विभाग की छापेमारी में वह पकड़ा गया था। मुकदमा निपटारे के बाद वह अदालत को प्रणाम करके घर लौट गया। जज ने मिलाया पति पत्नी को राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान एक अनोखा 45/2020 मामला सामने आया पत्नी अपने पति नीतीश कुमार पांडेय के साथ रहना नहीं चाहती थी। इसी मामले में उसने परिवार न्यायालय में वाद दाखिल किया था, जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायाधीश धीरेंद्र बहादुर सिंह ने दोनों के बीच दांपत्य अधिकार पुन: स्थापित कराया। वे न्यायाधीश के समझाने बुझाने पर एक साथ रहने को राजी हो गए। वे डुमरांव थाना क्षेत्र के निवासी हैं।