यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद 23 हजार शिक्षकों की भर्ती करने जा रहा है। इसमें छह हजार आरक्षित वर्ग के लोगों को नौकरी मिलेगी और 17 हजार पदों पर नई भर्ती जाएगी। इसको लेकर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ सतीश द्विवेदी ने आदेश जारी किया है। ट्वीट के जरिए राज्यमंत्री ने बताया, 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण की प्रक्रिया में विसंगति से प्रभावित लगभग 6000 अभ्यर्थियों की भर्ती की जाएगी। इसके अलावा 17000 खाली पदों पर नई भर्ती भी होगी।
69000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण की प्रक्रिया में विसंगति से प्रभावित आरक्षित वर्ग के लगभग 6000 अभ्यर्थियों की भर्ती की जाएगी तथा इसके अतिरिक्त 17000 रिक्त पदों पर होगी नयी भर्ती । pic.twitter.com/aqICcQTghb— Dr Satish Dwivedi (@drdwivedisatish) December 24, 2021
इससे पहले राज्यमंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने एक लेटर जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि, 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की विसंगति को दूर करने के लिए आरक्षित वर्ग के प्रभावित अभ्यर्थियों की भर्ती की जाएगी, जिसकी प्रक्रिया आज से ही प्रारंभ कर दी गई है। राज्यमंत्री डॉ. द्विवेदी की ओर से जारी लेटर में बताया गया है कि, शुक्रवार को राज्य सूचना विज्ञान केन्द्र को प्रॉसेस फ्लो उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसके बाद आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की चयन सूची 28 दिसंबर तक तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य सूचना विज्ञान केन्द्र की ओर से प्राप्त कराई गई चयन सूची का परीक्षण 29 दिसंबर तक किया जाएगा। राज्य सूचना विज्ञान केन्द्र की वेबसाइट पर सूची का प्रकाशन भी 30 दिसंबर को कर दिया जाएगा। सूची प्रकाशित होने के बाद जिले स्तर पर नए साल पर छह जनवरी को नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे।
डेढ़ साल से आंदोलन कर रहे हैं 69 हजार भर्ती शिक्षक के अभ्यर्थी
69 हजार शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थी लम्बे समय से संघर्षरत हैं और डेढ़ साल से आंदोलन कर रहे हैं। इनका आरोप है कि अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित 18598 सीटों में से 5844 सीटें सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को दे दी गई हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी सरकार को इस मामले में पत्र भेजा है। ये अभ्यर्थी विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मिल कर अपनी बात कहते आ रहे हैं। इसको लेकर गुरुवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण की विसंगति को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने मुलाकात की थी। सीएम योगी ने इसका संज्ञान लेते हुए बेसिक शिक्षा विभाग को समस्या के त्वरित और न्यायसंगत समाधान के लिए निर्देश भी दिए हैं। गौरतलब है कि सरकार कई बार अपना पक्ष रख चुकी है और किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार कर रही है। सरकार ने पिछले सत्र में विधानपरिषद में अपना जवाब दिया कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 18,598 पदों के सापेक्ष 31,228 अभ्यर्थियों की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से भर्ती हुई है। इसमें तय आरक्षण से अधिक ओबीसी और एससी अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। पिछड़ा वर्ग के 12,630 अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में अपनी दक्षता के आधार पर चयनित हुए।
बेसिक शिक्षक भर्ती के लिए जारी हो विज्ञापन
डीएलएड अभ्यर्थियों की बेसिक शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने की मांग तेज हो गई है। डीएलएड बीटीसी संगठन के पंकज मिश्र ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक बनने का सपना लेकर लाखों प्रशिक्षितों ने विषम परिस्थितियों से लड़कर डेढ़ से दो लाख रुपये खर्च कर प्रशिक्षण लिया है। लेकिन बेशिक शिक्षकों के लिए अभी तक विज्ञापन नहीं जारी किया गया है। इससे छात्रों में निराशा है। अगे कहा कि डीएलएड और बीएड दोनो की शैक्षिक अर्हताएं समान हैं। लेकिन डीएलएड के अधिकारों को सीमित कर दिया गया है, बीएड डिग्री धारक प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक आवेदन कर सकते हैं। बेसिक में भर्ती न आने से अब डीएलएडधारी दर दर भटक रहे हैं।
Source-hindustan