मुजफ्फरपुर। ठंड के मौसम में रेल पटरियों के टूटने पर फौरन रेलकर्मी इसकी सूचना इंजीनियरिंग विभाग को देंगे। उसके बाद उसे जोड़कर लाइन चालू की जाएगी। रेलवे के इंजीनियङ्क्षरग विभाग ने इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है। रेल पटरी टूटने पर किसी तरह की दुर्घटना नहीं हो इसके लिए 58 रेलकर्मियों की टीम बनाई हैं जो तीनों शिफ्ट में ड्यूटी करेगी। इंजीनियरिंग विभाग के कार्यालय में ट्रैकमैन को बचाव के लिए विशेष ट्रेनिंग दी गई। इसमें बताया गया कि अक्सर रात में कोहरा गिरने से तापमान कम हो जाता है। इससे ट्रैक गर्म और ठंडा होने से टूट जाता है। यदि उस समय कोई ट्रेन गुजरती है तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इससे बचने के लिए शाम छह से सुबह छह बजे तक यह टीम समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर-हाजीपुर के बीच दोनों लाइनों की जांच करेगी। रास्ते में जब कोई ट्रेन गुजरेगी तो सिटी बजाकर लोको पायलट को अलर्ट किया जाएगा।
मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर के बीच लगाई जाएंगी 30 टीमें
कोहरे में विजिएबलिटी कम होने से लोको पायलट को सिग्नल देखने में परेशानी होती है। रेल के सभी इंजनों में सेफ फाग डिवाइस लगाई गई है। इससे सिग्नल आने की सूचना मिल जाती है। क्षेत्रीय रेल सहायक अभियंता दिलीप कुमार ने इसके लिए समस्तीपुर से मुजफ्फरपुर के बीच 30 टीमों को लगाया है। वहीं 28 टीमें मुजफ्फरपुर-हाजीपुर के बीच ट्रैकों की जांच करेंगी। दोहरी संरक्षा के लिए इस रेलखंड के सभी सिग्नल के पास ट्रैक पर चूना की लाइन बनाई जाएगी। इसके अलावा पटाखा भी लगाए जाएंगे। इसकी ट्रेङ्क्षनग सभी कर्मियों को दी गई है।