डाकघर की दो सौ से अधिक शाखाएं रही बंद- अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ ने निजीकरण के विरोध में हड़ताल किया अरेबिया के आह्वान पर विभिन्न बैंक व डाकघर के कर्मी सोमवार से दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए।
इससे लगभग 40 से 50 करोड़ का कारोबार पहले दिन प्रभावित हुआ है। अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ ने निजीकरण के विरोध में हड़ताल किया है। जिसकी अगुआई दीपक कुमार सिंह ने किया।
बताया कि बांका के प्रधान डाकघर सहित जिला के सभी उप डाकघर के साथ 202 शाखाओं में बंदी का असर रहा। इस दौरान कोई भी कार्य नहीं हुए। कहा कि सरकार लगातार सरकार कर्मचारियों के खिलाफ कार्य कर रही है।
पुरानी पेंशन के साथ जीडीएस को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, डाकघर को निजीकरण से समाप्त करने, 18 महीना से रोके गए महंगाई भत्ते का भुगतान और 12, 24 और 36 तीन आर्थिक उत्थान सेवाएं लागू करने की मांग की है। इस मौके पर जितेंद्र कुमार सिंह, राम प्रसाद राय, विधुशेखर दास, सुरेश प्रसाद यादव, विदेश्वरी लाल मेहता, रसिक लाल मुर्मू आदि मौजूद थे।
इधर, निजीकरण के विरोध में बीमा कर्मचारी संघ भागलपुर मंडल द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम के कार्यालय के सभी कर्मचारी दो दिनों के हड़ताल पर चल गए। इस मौके पर संघ अध्यक्ष दीपक कुमार शर्मा, सचिव शेखर कुमार, उप सचिव नीरज कुमार, संयुक्त सचिव सुनील कुमार, अनिल पंडित, अशोक पंडित आदि ने निजीकरण का विरोध किया है। हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है।
बेलहर: श्रम कानून में बदलाव और केंद्र के निजीकरण फैसले के विरोध में ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को लेकर सोमवार को सभी बैंक की शाखा बंद रही। बैंकों के बंद होने से लोगों पर गहरा असर पड़ा। खासकर सुदूरवर्ती और जंगली पहाड़ी इलाकों के लोगों को बड़े कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
बैंकों से लेनदेन प्रक्रिया बंद रहने के चलते बेलहर, साहबगंज, बसमाता आदि बाजारों में सोमवार को भीड़ कम दिखी। स्थानीय लोगों ने बताया कि बैंक बंद रहने से आमजनजीवन प्रभावित हुआ है।
बाराहाट: हड़ताल पर जाने से बैंकों व डाकघर में ताले लटके रहे। बैंकों व डाकघर के बंद रहने से क्षेत्र में करीब एक करोड़ का कारोबार प्रभावित रहा।
नौ सूत्री मांगों के समर्थन में भारतीय राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक की स्थापना हो और संचालक बैंक से पूर्णत: मुक्त करने, नये कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, 11 वेतन समझौता के समस्त लाभों को लागू करने सहित अन्य मांगें शामिल हैं।