5 सांसदों ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाकर लड़ा चुनाव! जीतनराम मांझी ने इन नेताओं पर लगाये गंभीर आरोप…

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया है कि देश के पांच सांसद फर्जी जाति प्रमाणपत्र बना कर अपने क्षेत्र से सांसद बने हुए हैं. लोकसभा, विधानसभा, जिला पर्षद, पंचायत समितियों व निकाय के अन्य चुनावों में फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर निर्वाचित सदस्यों की सदस्यता रद्द कराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोग के गठन किया जाये.

जीतन राम मांझी ने सभी की सदस्यता रद्द कर सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा कर कार्रवाई कराने की भी मांग की है. वे बुधवार को नयी दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री का कहना था कि यूपी के आगरा से बीजेपी सांसद एसपी बघेल, महाराष्ट्र के सोलापुर से बीजेपी सांसद जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य स्वामी, अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा,पंजाब के फरीदकोट से कांग्रेस सांसद मोहम्मद सादिक, पश्चिम बंगाल के आरामबाग से टीएमसी सांसद आफरीन अली के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. ये अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर एससी वर्ग के लिए आरक्षित लोकसभा सीट से चुनाव लड़ कर सांसद बने हैं.

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जीतन राम मांझी ने दावा किया है कि देश में करीब 15 फीसदी सरकारी कर्मचारी एसी जाति का फर्जीप्रमाण पत्र बनवा कर नौकरी कर रहे हैं अथवा नौकरी कर रिटायर्ड तक हो गये हैं. कार्यकारिणी में पारित हुए प्रस्तावों की जानकारी देते हुए कहा कि हम 2022 में उत्तर प्रदेश व पंजाब सहित उन सभी राज्यों में प्रत्याशी उतारेंगे जहां विधानसभा चुनाव हैं. निजी क्षेत्र और न्यायपालिका के साथ साथ राज्यसभा, विधान परिषद में भी आरक्षण होना चाहिए. देश में समान शिक्षा प्रणाली लागू हो.

मांझी ने कहा कि सभी मजदूरों के के विकास के लिए योजना बने. प्रवासी मजदूर जहां काम कर रहे हैं वहां से वोट डाल सकें ऐसा उपाय किया जाये. बैठक में जीतन राम मांझी के अलावा बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री एवं पार्टी के प्रधान महासचिव संतोष सुमन आदि मौजूद थे.