अपनी जमीन पर कब्जा पाने के लिए भटक रहे हैं इस जिले के 26,433 रैयत, जानें किस अंचल में कितने आवेदन हैं लंबित

भागलपुर जिले के 26,433 रैयतों को जमीन पर कब्जा पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। रैयत अंचल से लेकर डीसीएलआर, एडीएम के दफ्तर तक की दौड़ लगा रहे हैं। जिले के सभी 16 अंचलों में लंबित केसों का अंबार लगा हुआ है। अब तक दो लाख एक हजार छह आवेदन आए, जिसमें 73 हजार 723 आवेदन रद्द किया गया है।

जिला राजस्व शाखा की रिपोर्ट के मुताबिक जगदीशपुर अंचल में सबसे अधिक पेंडिंग केस है, जबकि इस्माइलपुर अंचल में सबसे कम। इस्माइलपुर अंचल पूरी तरह से गंगा नदी किनारे पर बसा है। नदी के करवट बदलने से कई भू-स्वामियों की जमीन का भूगोल बदल जाता है, लेकिन यहां म्यूटेशन के कम मामले हैं। मात्र 46 मामले पेंडिंग हैं।

गौरतलब है कि म्यूटेशन में पिछड़ने पर कुछ अंचलाधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो चुकी है। फिर भी जिले में हालात नहीं बदले हैं। इस मामले में अपर समाहर्ता (राजस्व) राजेश झा राजा ने बताया कि बाढ़ और पंचायत चुनाव में सीओ और राजस्व कर्मचारियों के फंसे रहने से इन दिनों पेंडेंसी बढ़ी है।

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म्यूटेशन डिस्पोजल में इस्माइलपुर शुरू से ही आगे रहा है। वहां म्यूटेशन के जितने मामले सालभर में आते हैं, उतने मामले हरेक सप्ताह जगदीशपुर सदर में आता है। जगदीशपुर में सीओ सबौर के भी चार्ज में थे। इसका असर भी पड़ा।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए नियम बनाया गया है कि जिस अंचल में 90 फीसदी से नीचे प्रगति है, वहां के राजस्वकर्मी व सीओ को शाम पांच बजे के बाद समाहरणालय के समीक्षा भवन में आकर डिस्पोजल करेंगे। जो 90 से ज्यादा पहले से हैं, उन्हें जनवरी तक 95 फीसदी करने को कहा गया है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक शत-प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लेंगे।

जानिए किस अंचल में कितना आवेदन लंबित

अंचल का नाम: लंबित आवेदन

कहलगांव : 3,426

पीरपैंती : 3,064

नाथनगर : 2,777

सन्हौला : 2,104

खरीक : 606

जगदीशपुर : 5,529

बिहपुर : 684

नारायणपुर : 454

नवगछिया : 1,123

गोपालपुर : 457

सबौर : 1,496

गोराडीह : 1,490

शाहकुंड : 1,119

सुल्तानगंज : 1,686

रंगरा चौक : 372

इस्माइलपुर : 46

Source-hindustan