बिहार की 21 नदियां लाल निशान के पार, नेपाल ने फिर छोड़ा पानी; दरभंगा और सीतामढ़ी में दहशत
बिहार की 21 नदियां लाल निशान से ऊपर बह रही हैं। पिछले 48 घंटे में चार नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई हैं। इनमें से कई नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। कई नदियां खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर पहुंच गई हैं।
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नेपाल में पिछले दिनों हुई भारी बारिश के बाद उत्तर बिहार की नदियों में अचानक उफान आ गया है। इधर, उत्तर बिहार के अधिकांश जिलों में नदियां कम हो गई हैं। इससे लोगों को राहत की उम्मीद जगी है। हालांकि, सीतामढ़ी और दरभंगा में बागमती और अधवारा समूह की नदियां फिर बढ़ने लगी हैं। इससे बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है।
सीतामढ़ी में बागमती और अधवारा समूह की नदियों का जलस्तर शुक्रवार को फिर बढ़ने लगा है। बागमती नदी सोनाखान और कटौजा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं, अधवारा सुंदरपुर और पुपरी में खतरे के निशान से ऊपर है। लखनदेई नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है। इससे बथनाहा, डुमरा और रुन्नीसैदपुर प्रखंडों के खेतों में पानी फैल रहा है। शहर के बीचों-बीच बह रही लखनदेई नदी के उफान पर होने से निचले इलाकों में पानी फैलने का खतरा है।
उधर, बेलसंड और रुन्नीसैदपुर में बाढ़ का पानी उतरने लगा है। बेलसंड नगर पंचायत के चार वार्ड और एक दर्जन गांव अब भी बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। रुन्नीसैदपुर प्रखंड मुख्यालय से पानी उतर गया है, लेकिन मानिकचौक, मोरसंड, गायघाट के खेतों में अब भी पानी भरा हुआ है।
बिजली विभाग युद्धस्तर पर बिजली आपूर्ति शुरू करने में जुटा है। रुन्नीसैदपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों को छोड़कर अन्य जगहों पर आपूर्ति शुरू कर दी गई है। अन्य जगहों पर तार और पोल लगाने का काम चल रहा है।
दरभंगा में भी बागमती और अधवारा के बढ़ते जलस्तर के कारण हनुमाननगर और हायाघाट प्रखंड के नए इलाकों में पानी फैलने लगा है। इन दोनों प्रखंडों के एक दर्जन से अधिक गांवों के 30 हजार से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
नेपाल ने गंडक-कोसी में फिर छोड़ा पानी
नेपाल ने शुक्रवार को भी कोसी बराहक्षेत्र, वीरपुर बैराज और वाल्मीकि नगर बैराज में पानी छोड़ा है। गुरुवार को भी पानी छोड़ा गया। भागलपुर में गंगा और कोसी के बहाव क्षेत्र में होने के कारण यहां फिर से हालात खराब हो गए हैं। केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ की रिपोर्ट में बताया गया है कि शुक्रवार को बराह क्षेत्र में कुल 1,99,825 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।