हाईकोर्ट का निर्देश, निचली अदालतों में जमानत अर्जी पर वर्चुअल सुनवाई

जमानत अर्जी पर बिहार की सभी निचली अदालतों में वर्चुअल मोड में सुनवाई होगी। पटना हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई भी अत्यावश्यक न्यायिक कार्य की श्रेणी में आती है. ऐसे में हाईकोर्ट ने बिहार की सभी जिला अदालतों को निर्देश दिया है कि जेल में बंद आरोपी और आपराधिक मामले में बने आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी पर वर्चुअल मोड में सुनवाई शुरू की जाए। पटना हाईकोर्ट ने इस संबंध में बिहार के सभी जिला जजों को पत्र भी जारी किया है। बता दें कि बिहार की सभी अदालतों में कोरोना महामारी को लेकर पिछले एक महीने से न्यायिक कार्य ठप था। आपराधिक मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों को जेल (न्यायिक रिमांड) भेजने के लिए पुलिस द्वारा किए गए न्यायिक कार्य केवल अत्यावश्यक मामले थे। इससे जेल में बंद हजारों आरोपियों की जमानत अर्जी और अग्रिम जमानत अर्जी पर न तो सुनवाई हो रही थी और न ही जमानत अर्जी दाखिल की जा रही थी। कोरोना महामारी को लेकर पिछले एक साल से बिहार की सभी निचली अदालतों में न्यायिक कार्य बाधित है।

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पटना जिले में आज से जमानत अर्जी पर सुनवाई शुरू :- पटना जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील दत्त मिश्रा ने बुधवार को एक नोटिस जारी किया है, जिसके अनुसार जिले के सभी न्यायिक अधिकारियों को गुरुवार से आरोपी की जमानत और अग्रिम जमानत अर्जी पर वर्चुअल मोड में सुनवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही जिले के सभी कोर्ट कर्मियों को इसकी तैयारी करने को कहा गया है। न्यायाधीश सुनील दत्त मिश्रा ने जमानत को वर्चुअल मोड, अग्रिम जमानत अर्जी और अन्य अति आवश्यक न्यायिक कार्यों में शुरू करने का निर्देश दिया है।

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सीआईएस पर मामलों को अद्यतन करने के निर्देश :- जिला के सिस्टम अधिकारी, स्टाफ व स्टाफ को मुकदमों की तिथि, दैनिक आदेश एवं अन्य आदेशों को न्यायालय एवं सीआइएस की वेबसाइट पर तत्काल अद्यतन करने के निर्देश दिये गये हैं। अप टू डेट और ऑर्डर अप टू डेट नहीं होने के कारण कई मुकदमे मुश्किलों का सामना करते हैं। महामारी में होने वाले मुकदमों की अद्यतन जानकारी प्राप्त करने के लिए पक्षकारों, अधिवक्ताओं और अधिवक्ताओं को भी दौड़ना पड़ता है।

27 से 29 मई तक शारीरिक श्रम न करने का निर्णय :- पटना जिला अधिवक्ता संघ ने 27-29 मई तक न्यायिक कार्यों में वर्चुअल मोड में सहयोग करने और न्यायिक कार्य से शारीरिक रूप से अलग रहने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही अधिवक्ता संघ का परिसर और उसका कार्यालय पूरी तरह से बंद रहेगा। संघ ने अपने-अपने घरों के सदस्य अधिवक्ताओं से न्यायिक कार्य वर्चुअल मोड में करने और अदालत का सहयोग करने का अनुरोध किया है।