लॉजिस्टिक एवं वेयर हाउसिंग हब को रेलमार्ग से जोड़ा जाएगा

यमुना एक्सप्रेस-वे के साथ जेवर एयरपोर्ट के पास विकसित किए जाने वाले लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग हब को रेल से जोड़ा जाएगा। परियोजना की डीपीआर बनाने वाली कंपनी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट यमुना विकास प्राधिकरण को सौंप दी है। इस हब को दिल्ली-पलवल रेलमार्ग से जोड़ने का सुझाव दिया गया है। कंपनी अगले महीने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट देगी। यमुना अथॉरिटी मास्टर प्लान फेज-2 में राया हेरिटेज सिटी और मथुरा के टप्पल में लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग हब विकसित करने जा रही है। राज्य सरकार पहले ही फेज-2 मास्टर प्लान को मंजूरी दे चुकी है। यमुना प्राधिकरण ने डिलाइट कंपनी को टप्पल में बनने वाले लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग हब की डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दी है। इस कंपनी ने प्रारंभिक रिपोर्ट यमुना प्राधिकरण को सौंप दी है। प्राधिकरण को सौंपी गई प्रारंभिक रिपोर्ट में कंपनी ने इस हब को दिल्ली-पलवल रेलमार्ग से जोड़ने का सुझाव दिया था। करीब 16 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक बनाकर रेल संपर्क मुहैया कराया जाएगा। इसके अलावा ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को जोड़ने की भी योजना है।

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सड़क के विकल्प बढ़ेंगे: लॉजिस्टिक हब को वर्तमान यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी मिलेगी। शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि टप्पल-अलीगढ़ स्टेट हाईवे को चौड़ा किया जाएगा। इससे सड़क के विकल्प बढ़ेंगे। लैंड पूलिंग से ली जाएगी जमीन यमुना अथॉरिटी इस प्रोजेक्ट के लिए लैंड पूलिंग से जमीन लेने की तैयारी कर रही है। आवश्यकता पड़ने पर नियमों में बदलाव किया जाएगा हब को जेवर हवाई अड्डे के पास टप्पल में विकसित किया जाएगा। टप्पल शहरी केंद्र में मिश्रित भूमि उपयोग गतिविधियों के लिए क्षेत्र आरक्षित हैं। अधिकारियों के मुताबिक अगर जरूरत पड़ी तो लॉजिस्टिक हब के नियमों में जरूरी बदलाव किए जाएंगे।

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11104 हेक्टेयर भूमि पर होगा प्रोजेक्ट अमल में : यमुना प्राधिकरण टप्पल-बाजना में 11,104 हेक्टेयर में लॉजिस्टिक हब विकसित करेगा। यह इलाका जेवर एयरपोर्ट के पास है। अधिकारियों ने बताया कि यहां 179.4 हेक्टेयर क्षेत्र उद्योगों के लिए और 1608.3 हेक्टेयर मिश्रित भूमि उपयोग के लिए आरक्षित रहेगा. शहर को 35 सेक्टरों में स्थापित किया जाएगा। डीपीआर बनाने वाली कंपनी ने लॉजिस्टिक्स हब की शुरुआती रिपोर्ट सौंप दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट में इस हब को रेल मार्ग से जोड़ने का सुझाव दिया गया है। अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना अथॉरिटी