मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सभी बीएड कालेजों को परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (पीएआर) अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। जिन कालेजों की ओर से पीएआर जमा नहीं किया जाएगा नेशनल काउंसिल आफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की ओर से उसकी मान्यता रद की जा सकती है। विवि के दो दर्जन से अधिक बीएड कालेजों ने पीएआर नहीं जमा किया है। वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए एनसीटीई की ओर से सत्र 2021-22 का पीएआर जमा करने के लिए 15 मार्च तक तिथि विस्तारित किया गया है। एनसीटीई के मेंबर सेक्रेटरी ने पत्र जारी कर सभी कालेजों को अनिवार्य रूप से पीएआर जमा कराने का निर्देश दिया है। एनसीटीई की ओर से विवि को भी पत्र भेजा गया है। कहा गया है कि विवि भी कालेजों पर दबाव बनाए कि वे शीघ्र पीएआर जमा कराएं।
कालेजों को देना होगा पूरा लेखा-जोखा
बीएड कालेजों को पीएआर जमा करने के लिए पीएआर मोबाइल एप इंस्टाल करना होगा। इसके बाद संस्थान को वित्तीय वर्ष 2020-21 का बैलेंस शीट, आय और व्यय का विवरण, रसीद और भुगतान खाता विवरण अपलोड करना होगा। कालेज को वेबसाइट की पूरी जानकारी स्क्रीनशाट के माध्यम से अपलोड करना है। संस्थान के भवन के सामने व पीछे की तस्वीर, बहुउद्देशीय हाल, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, खेल के मैदान की पूरी जानकारी देनी है। सभी प्रमाणपत्र की साफ्ट कापी ही भेजने को कहा गया है। शिक्षकों की नियुक्ति में बीएड कालेजों में नियमों की अनदेखी विवि के एक दर्जन से अधिक बीएड कालेजों में एनसीटीई के मानकों के विपरीत शिक्षकों की नियुक्ति की गई। जब काउंसिल की ओर से इस संबंध में नोटिस भेजा गया तो कुछ कालेजों ने इसे दुरुस्त करा रिपोर्ट भेज दिया। वहीं कई कालेजों में अब भी नियम के विपरीत नियुक्त शिक्षक बीएड में सेवा दे रहे हैं। काउंसिल को यह भी शिकायत मिली है कि बीएड कालेज कागज पर किसी और शिक्षक को नियुक्त कर रखे हैं, जबकि कालेज में कोई और शिक्षक अभ्यर्थियों को पढ़ाते हैं। पीएआर रिपोर्ट में शिक्षकों का भी ब्योरा देना होगा।