ब्लैक फंगस से निपटने के लिए नालंदा जिले के पावापुरी वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान (VIMS) में 30 बेड का विशेष वार्ड तैयार है। हालांकि, यहां अभी कुछ आधुनिक उपकरण लगाए जाने बाकी हैं। उपकरणों की सूची बिहार मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड (बीएमसीआईसीएल) को भेज दी गई है। जल्द ही ये मशीनें वहां से आएंगी। इन वार्डों में आधुनिक मशीनें लगते ही ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा। फिलहाल यहां काले फंगस का एक भी मरीज नहीं है। हालांकि इसके लिए मेडिकल कॉलेज हाई अलर्ट पर है। सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। रोस्टर के मुताबिक डॉक्टरों की भी तैनाती कर दी गई है।
यहां ईएनटी विभाग के पास ब्लैंक फंगस का वार्ड बनाया गया है। प्राचार्य प्रो. डॉ. पी.के. चौधरी ने बताया कि विशेष वार्ड के लिए ईएनटी विभागाध्यक्ष से एवं मशीनों एवं उपकरणों की आवश्यकता को देखते हुए सूची मंगवाई गई थी. वार्ड में काले फंगस के इलाज के लिए पर्याप्त दवाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। पहले यहां सिर्फ कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा था।
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पोस्ट कोविड मरीजों का अब छह दिनों तक होगा इलाज
कोरोना की दूसरी लहर में गिरावट के चलते अब कोवापुरी विम्स में रविवार को छोड़कर अन्य छह दिनों तक अन्य कोविड मरीजों का इलाज किया जाएगा. समर्थक। चौधरी ने बताया कि इस सप्ताह तक प्रत्येक सप्ताह सोमवार और शुक्रवार को ही पोस्ट कोविड मरीजों का इलाज किया जाता था। सोमवार से नए रोस्टर के मुताबिक ऐसे मरीजों का इलाज सप्ताह में छह दिन किया जाएगा। शनिवार की बैठक में यह भी तय हो गया। ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का इलाज हो सके। बैठक में डॉ. अशोक कुमार, डॉ. रश्मी, डॉ. सतीश कुमार, डॉ. धर्मेंद्र कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।