बेऊर जेल में छापा, वार्डों में मिला मोबाइल और गांजा, 4 घंटे चली छापेमारी, तीन कक्षपाल निलंबित

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी विभागों की जन सेवाओं को एक मंच पर लाने का निर्देश दिया है। जिससे लोगों को अधिक सुविधा मिल सके। मुख्यमंत्री ने शनिवार को बिहार लोक सेवा अधिकार अधिनियम और बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के क्रियान्वयन की समीक्षा की और अधिकारियों को कई निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायतों का समय पर निवारण सुनिश्चित किया जाए। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 5 जून 2016 को पेश किया गया था। यह कानून लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए लाया गया था। सीएम नीतीश ने कहा कि राज्य में 60 फीसदी से ज्यादा अपराध के पीछे संपत्ति और जमीन का विवाद है।

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लोक शिकायत निवारण अधिनियम के अंतर्गत भूमि संबंधी समस्याएं, बिजली बिल, सड़कों का रखरखाव, पुलों जैसे कई विषयों को शामिल किया गया है। अब सड़क-पुल का रखरखाव ठीक से नहीं होने पर लोग इस कानून के तहत अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिससे सड़क-पुलों का रखरखाव किया जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी जिलों में कानून के क्रियान्वयन की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए ताकि इसमें सुधार किया जा सके। शिकायतों का निराकरण निर्धारित अवधि में किया जाए, अपीलों का समय पर निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। अन्य प्रचार माध्यमों के साथ-साथ लोक चौपाल के माध्यम से इस कानून की जानकारी दें।

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