राज्य भर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिसके माध्यम से पर्यटकों को सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। अब विभाग ग्रामीण पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिए गांव का चयन करेगा, जहां कला-संस्कृति, हस्तशिल्प और ग्राम्य भोजन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से जिलों को दिशा-निर्देश भेजे जा चुके हैं। पर्यटन विभाग अगस्त से इस योजना पर काम तेज करेगा। जिलों से रिपोर्ट मिलने के बाद गांव का चयन किया जाएगा।
भोजन से रोजगार बढ़ेगा…पर्यटक गांव पहुंचे। इसके लिए गांव का चयन किया जाएगा। जिसमें पहले ऐसे जिलों का चयन किया जाएगा। जहां के खान-पान की पूरे देश में पहचान है। वहीं उस गांव की पहचान कुछ और चीजों में भी होनी चाहिए, जिसे देखने के लिए पर्यटक बेताब रहते हैं।
पर्यटकों के लिए सुलभ सड़कें होंगी…जिस गांव का चयन किया जाएगा। उस गांव तक पर्यटकों के लिए सड़कें सुलभ कराने का भी काम किया जाएगा। वहां आने जाने की पूरी व्यवस्था होगी। साथ ही पर्यटक ग्रामीण परिवेश में रात भर रुक कर गांव के मनमोहक वातावरण में एक दिन रुक सकते हैं। यह सब व्यवस्था की जाएगी।
गांवों में ढाबों व रेस्टोरेंट से रोजगार…विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों से गुजरने वाली सड़कों पर रेस्टोरेंट और ढाबे खोलने की पूरी प्लानिंग कर ली है. इन सड़कों पर खुलने वाले रेस्टोरेंट से ग्रामीण पर्यटन को जोड़ा जाएगा। इसमें विभागीय स्तर पर युवाओं को जोड़ने का काम किया जाएगा.
क्या कहते हैं अधिकारी…पर्यटन विभाग के नारायण प्रसाद का कहना है कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभाग के स्तर से कई काम शुरू किए गए हैं. पर्यटकों को गांव के खाने-पीने से जोड़ा जाएगा और युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।