राज्य के सबसे अधिक प्रभावित जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है। कई बड़े जिलों में अप्रैल में 500 से 3685 नए संक्रमितों की पहचान की गई। खास बात यह है कि बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जितनी तेजी से घटी संक्रमण की रफ्तार उतनी ही तेजी से बढ़ी। अब प्रदेश के 38 में से 37 जिलों में सौ से भी कम नए संक्रमित मिल रहे हैं।
22 मार्च के बाद शुरू हुई कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा : 22 मार्च 2021 के बाद से राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी। 22 मार्च को राज्य में 126 नए संक्रमित मिले। वहीं, 6 मई को सबसे ज्यादा 15,126 नए संक्रमितों की पहचान की गई।
6 मई के बाद नए संक्रमितों की संख्या कम होने लगी।
छह मई को राज्य में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमितों की पहचान के बाद संक्रमण का ग्राफ गिरने लगा। 1 जून को राज्य में सिर्फ 1176 नए कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हुई थी। जबकि 2 जून को सिर्फ 1158 नए संक्रमित मिले थे।
बड़े शहरों में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद तेजी से घटी : प्रदेश के संभागीय मुख्यालय वाले बड़े शहरों में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद यह तेजी से घटने लगा है। पटना में जहां 22 मार्च को 51, 15 अप्रैल को 2105, 25 अप्रैल को 1848 और 06 मई को 3685 नए संक्रमितों की पहचान की गई। जबकि 15 मई को नए संक्रमित मरीजों की संख्या घटकर 25 मई को 1202, 285 और 01 जून को 132 और 2 जून को 126 हो गई है। इसी तरह भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया, पूर्णिया, सहरसा सारण, मुंगेर और दरभंगा में भी नए कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में काफी कमी आई है।