चक्रवात यस ने राज्य में अपना प्रभाव खो दिया है। हालांकि, इसके प्रभाव के बाद बारिश के बाद नमी की मात्रा काफी बढ़ गई है, जो गर्मी बढ़ने पर गरज-चमक के लिहाज से बेहद खतरनाक है। पिछले 24 घंटों से यस के प्रभाव में राज्य के उत्तरी भाग में कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, फरबिसगंज में 120 मिमी, नरपतगंज में 80 मिमी, नौहाटा में 70 मिमी, राजगीर और भीमनगर में 50 मिमी बारिश दर्ज की गई। साथ ही गढ़ी, बिहारशरीफ, बैरगनिया और जमुई में 40 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। चंपारण क्षेत्र में शनिवार रात बारिश हुई। राज्य के अन्य हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। हालांकि पटना, गया समेत अन्य हिस्सों में धूप निकलने से अधिकतम पारा चढ़ेगा। पटना में भी दिन में धूप खिली लेकिन शाम को बादल छाए रहे। रविवार को भी पूर्णिया में दिन में बारिश हुई। मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक 22.6 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
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चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिणी उत्तर प्रदेश की ओर स्थानांतरित :- मौसम विज्ञानियों का कहना है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे सटे इलाकों में बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिणी उत्तर प्रदेश और उसके आसपास की ओर शिफ्ट हो गया है। इसके साथ ही अगले 24 घंटे में राज्य में पारा चढ़ने की संभावना है। ऐसे में वातावरण में पहले से मौजूद नमी के कारण गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना बढ़ जाएगी। खासकर नेपाल के तराई इलाकों में अगले 24 घंटों में एक-दो जगहों पर भारी बारिश और बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। मौसम खराब होने पर लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।