Breaking news : बिना कोविड ड्यूटी किए भी अगर कोरोना से हुई है मौत तो सरकार देगी नौकरी जाने

नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना महामारी के कारण कई शिक्षकों की जान जा चुकी है। कोविड ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले शिक्षक अपने परिवार को मुआवजे के रूप में एक करोड़ की राशि दे रहे हैं और सरकार परिवार के एक सदस्य को नौकरी दे रही है। लेकिन अब जो शिक्षक कोविड ड्यूटी नहीं कर रहे थे लेकिन फिर भी कोरोना से संक्रमित होने के बाद उनकी मृत्यु हो गई, तो उनके परिवार को मुआवजे के रूप में नौकरी दी जाएगी। सरकार को अब तक दिल्ली के उन 92 शिक्षकों के आंकड़े मिले हैं, जो कोरोना से संक्रमित होकर अपनी जान गंवा चुके हैं।

समिति सिफारिश करेगी

शिक्षा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगले 15 दिनों में कोरोना से मरने वाले ऐसे सभी शिक्षकों का डाटा एकत्र किया जाएगा। इसमें जो शिक्षक कोविड ड्यूटी नहीं कर रहे थे लेकिन उनकी कोरोना के कारण मृत्यु हो गई है, उनकी अलग से फाइल तैयार कर शासन द्वारा गठित कमेटी के समक्ष पेश की जाएगी ताकि शिक्षकों के परिजनों को सेवा संबंधी लाभ इस प्रकार किया जा सके। जल्द से जल्द। 

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एक करोड़ की राशि नहीं मिलेगी : हालांकि इन शिक्षकों के परिवारों को एक करोड़ की राशि नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोविड ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले और बिना कोविड ड्यूटी किए कोरोना से जान गंवाने वाले शिक्षकों के सभी जिलों से डाटा मांगा गया है। वहीं शिक्षा निदेशालय ने ऐसे सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के परिवारों को सेवा संबंधी लाभ समय पर पहुंचाने के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक रामचंद्र एम सिंघारे को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। सिंघाने ने कहा कि वह ऐसे सभी मामलों की पूरी प्रक्रिया, निगरानी और त्वरित निष्पादन के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना से मरने वाले सभी शिक्षकों की जानकारी लेकर डाटा तैयार किया जा रहा है।

कोरोना से मृत शिक्षकों को आर्थिक मदद देने के लिए शिक्षक संगठन भी प्रयास कर रहे हैं। सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल शिक्षक संघ के महासचिव राजीव मित्तल ने कहा कि कोविड ड्यूटी का भुगतान न करने के बाद भी जिन शिक्षकों की कोरोना से मृत्यु हुई है, उनकी सहायता के लिए सरकार अनुग्रह मृत्यु राहत कोष स्थापित करे और इसमें सभी शिक्षक कुछ राशि दान करें। उनका वेतन। ताकि मृतक शिक्षकों वाले परिवारों को आर्थिक मदद मिल सके। राज्य विद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव अजय वीर सिंह ने कहा कि कई शिक्षक ऐसे हैं जहां पति-पत्नी दोनों की मौत कोरोना से हुई है। सरकार ऐसे सभी शिक्षकों के परिवारों को चिन्हित करे। उन्होंने मांग की है कि यदि किसी शिक्षक के बच्चे नौकरी करने की स्थिति में नहीं हैं तो बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था के साथ-साथ शिक्षक को हर माह मिलने वाला वेतन भी बच्चों के खाते में जमा किया जाए और जब तक बच्चा नौकरी मिलती है तब तक इसे जारी रखा जा सकता है।