पटना व बिहटा हवाईअड्डों के विस्तार कार्य समय पर पूरे नहीं होंगे, मजदूर नहीं मिलने से कार्य प्रभावित

कोरोना काल में पटना और बिहटा हवाईअड्डों पर नए निर्माण और विस्तार का कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मजदूरों के न मिलने से पटना एयरपोर्ट के टर्मिनल भवन का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है। अब तक टर्मिनल भवन से जुड़ा बेसमेंट पूरा नहीं हुआ है। यहां दो मंजिला टर्मिनल भवन बनाया जाना है। प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर दो साल के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया तो 2023 के मध्य तक इसे तैयार किया जा सकता है। पटना एयरपोर्ट को सालाना 45 लाख यात्रियों के लिए सक्षम बनाने की योजना है। इसके अलावा, एक मल्टीलेवल पार्किंग, एटीसी, मुख्य टर्मिनल बिल्डिंग, एलिवेटेड वे है। पूरे निर्माण की स्थिति की जांच से पता चला कि पिछले दो वर्षों में परियोजना का 50 प्रतिशत भी काम पूरा नहीं हुआ है।

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अब पटना से पहले तैयार नहीं होगा बिहटा एयरपोर्ट : सबसे बड़ी समस्या बिहटा एयरपोर्ट को लेकर आई है और वहां काम पूरी तरह ठप हो गया है। राज्य सरकार से पूर्व में प्राप्त 108 एकड़ भूमि की सीमा का कार्य किया जा चुका है। अब रनवे विस्तार के लिए मांगी गई जमीन मिलने का इंतजार है। इस इंतजार में काम पूरी तरह ठप हो गया है। अब दो महीने में जमीन उपलब्ध होने पर भी अगले एक साल यानी 2022 में काम पूरा नहीं हो पाएगा। फिलहाल रनवे विस्तार योजना भी खतरे में नजर आ रही है। प्रोजेक्ट की शुरुआत में कहा जा रहा था कि पटना एयरपोर्ट से पहले बिहटा एयरपोर्ट तैयार किया जाएगा क्योंकि न तो यात्री विमानों की आवाजाही है और न ही कोई अड़चन है। यहां दो चरणों में काम होना था। पहले चरण में इसे 25 लाख वार्षिक यात्री क्षमता के लिए तैयार करने का लक्ष्य रखा गया था।

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पटना एयरपोर्ट मल्टी लेवल कार पार्किंग लगभग तैयार : पटना में मल्टी लेवल कार पार्किंग लगभग बनकर तैयार है, मुख्य टर्मिनल के निर्माण का 15 से 20 प्रतिशत ही काम हो पाया है. पटना में नई एटीसी और आवासीय परिसर में 90 फीसदी काम पूरा, एटीसी में मशीन लगाने का काम अभी बाकी है। स्टेट हैंगर का काम तेजी से चल रहा है और जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। अब पटना एयरपोर्ट का विस्तार 2022 की जगह जुलाई 2023 तक संभव होगा।

पेंच कहाँ फंसा है : रनवे विस्तार के लिए हवाईअड्डा प्रशासन द्वारा राज्य सरकार से 191 एकड़ जमीन मांगी गई है। प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर रनवे का विस्तार नहीं किया गया तो पटना एयरपोर्ट की तरह बिहटा में भी बड़े विमान उड़ाने का संकट खड़ा हो जाएगा और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बड़े जहाजों के लिए रनवे नहीं होने की स्थिति में एयरलाइंस को नुकसान होगा। उड़ानें शुरू करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते बिहटा में हवाई अड्डे के विस्तार का उद्देश्य बड़े विमानों की आवाजाही की अनुमति देना था। इसे अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के अनुकूल बनाया जाना चाहिए, ताकि एयरलाइंस भी देश और दुनिया में बड़े जहाजों की आवाजाही शुरू कर सकें। रनवे के विस्तार के बिना यह संभव नहीं है। वर्तमान में बिहटा रनवे की लंबाई 8200 फीट है और कैटागिरी वन के रनवे के लिए इसे बढ़ाकर 12,000 फीट करने का लक्ष्य रखा गया है।