पटना के अस्पतालों में अब कोरोना संक्रमितों से ज्यादा काले फंगस के मरीज पहुंच रहे हैं। यह स्थिति ओपीडी से वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या में देखने को मिली है। आईजीआईएमएस और पीएमसीएच के कोविड वार्ड में जितने मरीज भर्ती हैं, उससे ज्यादा ब्लैक फंगस वार्ड में मरीज हो गए हैं। आईजीआईएमएस में भर्ती मरीजों की कुल संख्या 197 है। इनमें से 92 कोरोना संक्रमित हैं जबकि 105 ब्लैक फंगस संक्रमित हैं। मरने वालों की संख्या में भी काले कवक पीड़ित कोरोना पीड़ितों को पीछे छोड़ रहे हैं। सोमवार को आईजीआईएमएस में कुल छह की मौत हो गई। इनमें से चार ब्लैक फंगस से संक्रमित थे। वहीं, पीएमसीएच में सोमवार को एक भी व्यक्ति की कोरोना से मौत नहीं हुई, जबकि एक मरीज की मौत काले फंगस से हुई। पीएमसीएच कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या अब सिर्फ 15 है. वहीं, ब्लैक फंगस वार्ड में यह संख्या बढ़कर 21 हो गई है। काले कवक के पांच संदिग्ध सोमवार को पीएमसीएच पहुंचे। इनमें से दो में इसकी पुष्टि हुई है। उन्हें वार्ड में भर्ती कराया गया, जबकि अन्य को जरूरी सलाह देकर छोड़ दिया गया।
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79 संक्रमित एम्स पटना में भर्ती हैं : एम्स पटना में अभी भी कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या ब्लैक फंगस म्यूकोर्मिकोसिस वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या से ज्यादा है. कोविड वार्ड में भर्ती 154 मरीजों में से करीब 35 ऐसे मरीज हैं जो काले फंगस से भी संक्रमित हैं। इसके अलावा 44 मरीज ब्लैक फंगस वार्ड में भर्ती हैं।
काले फंगस की दवा का बढ़ेगा कोटा : केंद्रीय न्याय और कानून, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने पटना दौरे के दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के साथ कोविद और काले कवक पर चर्चा की। पता चला कि कोविड मामलों में ठीक होने की दर में काफी सुधार हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने रविशंकर प्रसाद को बताया कि अस्पतालों में एम्फोटेरेसिन नामक दवा की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन केंद्र से इसकी आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत है। मंगल पांडे के इस अनुरोध के बाद रविशंकर प्रसाद ने तुरंत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय राज्य के रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया से फोन पर बात की। उन्होंने उनसे कहा कि बिहार में काले फंगस के इलाज के लिए आपूर्ति कोटा बिना किसी देरी के बढ़ाया जाए।