द्रौपदी मुर्मू 24 जून को करेंगी नामांकन, नीतीश कुमार ने जताई खुशी, एनडीए को बीजद का साथ

देश के सर्वोच्च पद यानी राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को वोटिंग है। विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि भाजपा ने उड़ीसा की आदिवासी महिला नेता और झारखंड की पूर्व गवर्नर द्रौपदी मुर्मू पर दांव खेला है।

एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू 24 जून 2022 को अपना नामांकन दाखिल करेंगी। इस बीच ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने राज्य विधान सभा के सभी सदस्यों से ओडिशा की बेटी द्रौपदी मुर्मू को देश के सर्वोच्च पद के लिए सर्वसम्मति से समर्थन देने की अपील की है।

वहीं, एनसीपी चीफ शरद पवार के मुताबिक, विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा 27 जून को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। राष्ट्रपति पद का चुनाव 18 जुलाई को होगा। वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी। नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अंतिम तिथि 29 जून है।

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एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार होने पर हैरान हूं.. खुश भी : मुर्मू

राष्ट्रपति चुनाव 2022 में एनडीए की ओर से उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वह ओडिशा के सभी विधायकों और सांसदों का समर्थन पाने को लेकर आशान्वित हैं, क्योंकि वह मिट्टी की बेटी हैं। मुर्मू ने मंगलवार को अपने रायरंगपुर आवास पर संवाददाताओं से कहा कि मैं हैरान भी हूं और खुश भी। एक आदिवासी महिला होने के नाते मैंने इस पद के लिए उम्मीदवार बनने के बारे में सोचा भी नहीं था। 64 वर्षीय मुर्मू यदि यह चुनाव जीतती हैं तो ओडिशा की पहली और शीर्ष सांविधानिक पद पर बैठने वाली देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी।

चार सेट नामांकन पत्र किए जाएंगे दाखिल

मुर्मू 24 जून को नामांकनपत्र दाखिल करेंगी। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नामांकन के लिए 50 प्रस्तावक और 50 अनुमोदक की जरूरत होती है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, मुर्मू के लिए कम से कम चार सेट नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। इस बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर पार्टी के नेताओं से मुलाकात की। वह राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए देशभर का दौरा करेंगे।

राज्य विधानसभाओं से भी सांसद कर सकते हैं मतदान

निर्वाचन आयोग ने कहा कि चुनाव वाले दिन यदि सांसद दिल्ली में मौजूद नहीं हैं तो वह अपने राज्यों की विधानसभाओं में मतदान कर सकते हैं। लेकिन उसके लिए उन्हें आयोग को पूर्व सूचना देनी होगी। यह सूचना मतदान से 10 दिन पूर्व मिल जानी चाहिए। जो सांसद दिल्ली में होंगे वे संसद भवन के कमरा नंबर 63 में मतदान कर सकते हैं।

सिन्हा बोले, देश में ‘रबर स्टांप’ राष्ट्रपति निरर्थक

राष्ट्रपति पद के विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने बुधवार को चुनाव प्रचार के लिए रणनीति बनाई। इस दौरान उन्होंने एनसीपी दफ्तर में नेताओं के साथ बैठक के बाद कहा, इस देश में ‘रबर स्टांप’ राष्ट्रपति की उपयोगिता नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का पद बेहद संवेदनशील होता है और मैं सरकार के दबाव में काम नहीं करूंगा। सिन्हा ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति का चुनाव निजी लड़ाई नहीं है, बल्कि आज देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है उसकी लड़ाई है। सिन्हा ने कहा, मैं उन सभी राजनीतिक दलों का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मुझे राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाया है।

झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं मुर्मू

ओडिशा की रहने वाली द्रौपदी मुर्मू इससे पहले झारखंड की पहली महिला आदिवासी राज्यपाल भी रह चुकी हैं। उनकी उम्र 64 साल है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को बीजेपी मुख्यालय में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद मुर्मू के नाम का एलान करते हुए कहा कि इस बार पार्टी नेताओं के बीच राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए 20 नामों पर चर्चा हुई। इसमें तय हुआ कि इस बार चुनाव के लिए पूर्वी भारत से कोई, महिला और आदिवासी होना चाहिए।

द्रौपदी मुर्मू अगर यह चुनाव जीतती हैं, तो वे राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी। उनसे पहले नीलम संजीव रेड्डी देश के सबसे युवा राष्ट्रपति रहे थे। इससे पहले आज ही विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

उनको राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद कई नेताओं ने उनको शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर कहा कि “मुझे भरोसा है कि द्रौपदी मुर्मू हमारे देश की एक महान राष्ट्रपति होंगी। द्रौपदी मुर्मू ने अपना जीवन समाज की सेवा व गरीबों, दलितों तथा हाशिए पर खड़े लोगों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित किया है।”

सीएम नीतीश कुमार ने जताई खुशी

इसी क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर खुशी जताई है। इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी का भी धन्यवाद किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना खुशी की बात है। द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं। एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद के लिए उम्मीदवार बनाया जाना अत्यंत प्रसन्नता की बात है।’

उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा सरकार में मंत्री तथा इसके पश्चात् झारखण्ड की राज्यपाल भी रह चुकीं हैं। कल प्रधानमंत्री मोदी ने बात कर इसकी जानकारी दी थी कि द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी को भी इसके लिए हृदय से धन्यवाद।’

राष्ट्रपति चुनाव: राज्य विधानसभाओं से भी सांसद कर सकते हैं मतदान

निर्वाचन आयोग ने सांसदों से कहा कि राष्ट्रपति चुनाव (18 जुलाई) वाले दिन यदि सांसद दिल्ली में मौजूद नहीं हैं तो वह अपने राज्यों की विधानसभाओं में मतदान कर सकते हैं। लेकिन उसके लिए उन्हें आयोग को पूर्व सूचना देनी होगी। आयोग ने 16 जून को जारी अपने पत्र में दोनों सदनों के सांसदों को कहा है कि वह संसद भवन के कमरा नंबर 63 में मतदान कर सकते हैं। वहीं, जो सांसद मतदान के दिन राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद नहीं रहेंगे वे राज्य विधानसभाओं में मतदान कर सकते हैं, लेकिन उसके पहले उन्हें आयोग को औपचारिक अनुरोध पत्र भेजना होगा। यह पत्र मतदान के दस दिन पहले तक मिल जाना चाहिए। एक बार आयोग की ओर से इस पर निर्णय लेने के बाद दोबारा किसी प्रकार के बदलाव की गुंजाइश नहीं होगी।

इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी सूचनाएं दे दीं, हलफनामा सौंपें

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने चुनाव आयोग (ईसी) को निर्देश दिया है कि वह एक स्टाप पेपर पर यह लिखकर दे कि उसने आरटीआई कानून के तहत इलेक्टोरल बॉन्ड और संशोधित वित्त अधिनियम से जुड़ी सारी उपलब्ध जानकारियां प्रदान कर दी हैं। सीआईसी ने कहा कि चुनाव आयोग एक हलफनामा सौंपकर यह स्पष्ट करे कि उसने कोई जानकारी नहीं छिपाई है, जिसका खुलासा पारदर्शिता कानून के तहत किया जा सकता है। यह मामला आरटीआई कार्यकर्ता सेवानिवृत्त कमोडोर लोकेश बत्रा द्वारा दायर एक आरटीआई अर्जी से जुड़ा है। बत्रा ने चुनाव आयोग से वित्त अधिनियम में 2017 के संशोधन के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड की शुरूआत से संबंधित पूरा रिकॉर्ड मांगा था।