भारत सरकार का उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) झारखंड में अपनी सहायक कंपनी के माध्यम से दो ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करेगा। साथ ही अन्य राज्यों में 23 प्लांट लगाए जाएंगे। सीआईएल जीवन रक्षक ऑक्सीजन सुनिश्चित करने के लिए 35 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है, जिसके तहत 22 अस्पतालों में 25 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। 20 ऑक्सीजन संयंत्रों की कुल उत्पादन क्षमता करीब 12,700 लीटर प्रति मिनट होगी। चारों प्लांट मिलकर 750 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे ऑक्सीजन का उत्पादन करेंगे। इस तरह जिला स्तर पर करीब 3,328 बेड ऑक्सीजन से लैस होंगे। इसके अलावा रिफिल प्लांट भी होगा।
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सीआईएल के एक अधिकारी ने कहा कि 25 ऑक्सीजन संयंत्रों में से सीआईएल 4.25 करोड़ रुपये के निवेश से अपने पांच अस्पतालों में 332 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर बनाएगी। पांच ऑक्सीजन संयंत्रों में से दो झारखंड में स्थापित किए जाएंगे, जिसमें गांधीनगर में एक केंद्रीय अस्पताल होगा। गांधीनगर अमन में 700 लीटर प्रति मिनट की क्षमता के साथ 70 बिस्तरों को कवर करेगा। दूसरा प्लांट रामगढ़ के केंद्रीय अस्पताल में होगा, जिसमें 500 लीटर प्रति मिनट की क्षमता के साथ 50 बेड में ऑक्सीजन की सुविधा होगी। इसके अलावा सीआईएल अपनी सीएसआर योजना के तहत शेष 20 ऑक्सीजन प्लांट विभिन्न जिला अस्पतालों में लगाएगी। इसके लिए 30.75 करोड़ रुपये के निवेश की योजना है। सीआईएल ने वित्त वर्ष 2021 में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में 264 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो सीएसआर का 50 फीसदी है। अधिकारी ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन की अहमियत को देखते हुए सीआईएल के पास विभिन्न अस्पतालों में इस्तेमाल के लिए 2,324 ऑक्सीजन सिलेंडर और 237 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं।