बंगाल की खाड़ी में तूफान यस झारखंड होते हुए बिहार पहुंचेगा। मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के निदेशक विवेक सिन्हा ने अभी बातचीत में बताया है कि यस तूफान से बिहार के लिए चिंता का एकमात्र कारण दो से तीन दिनों तक बारिश है। इससे जलभराव या बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। इसका राज्य के जीवन पर सामान्य प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में दो-तीन दिनों तक बारिश होगी, लेकिन एक दिन में राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना न के बराबर है। अगले दो-तीन दिनों तक हवा की गति 30 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होगी। दो-तीन दिन की बारिश में इसकी तीव्रता भी ज्यादा नहीं होगी। हां, 72 घंटे की बारिश इसकी मात्रा बढ़ा सकती है। वज्रपात का दुस्साहस भी अब कम हो गया है। वज्रपात होगा लेकिन इसका असर पहले के मुकाबले कम रहेगा। चूंकि तटीय क्षेत्र बिहार से 500 किमी दूर है, इसलिए यहां आने से तूफान का असर काफी हद तक कमजोर हो जाएगा। झारखंड से प्रवेश करेगा तूफान इससे झारखंड की सीमा से लगे बिहार के सभी जिलों में हवा की गति भले ही थोड़ी बनी रह सकती है, लेकिन यह 40 किमी प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होगी। पटना के लोगों को इससे ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। यहां भारी बारिश की संभावना कम है। अगले तीन दिनों तक बारिश होगी लेकिन अगर दिन में 100 मिलीमीटर बारिश हुई तो ऐसा नहीं होगा। तूफान का असर जमशेदपुर और रांची की तरफ कुछ देर में दिखेगा। इसके बाद इसके बिहार में प्रवेश को लेकर स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी।
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यास चक्रवात नवीनतम अपडेट : फिलहाल बिहार की ओर से दिल्ली के मौसम विभाग की ओर से चक्रवात को लेकर कोई खास अलर्ट नहीं आया है। बंगाल, ओडिशा और झारखंड को लेकर विशेष अलर्ट है। कल यानी 27 मई से बिहार में इसका खास असर होगा।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 22 टीमें तैयार : यास तूफान को देखते हुए आपदा विभाग ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैयार कर ली हैं। तूफान के दौरान अगर जिलों में राहत की जरूरत पड़ी तो इसके लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 22 टीमों को तैयार रखा गया है। जहां तूफान का असर सबसे ज्यादा होगा, वहां तुरंत इन टीमों को भेजा जाएगा। विभाग बुधवार को टारगेट प्वाइंट और अधिक प्रभावित जिलों का नाम मौसम विज्ञान केंद्र आपदा प्रबंधन विभाग को सौंपेगा। इसके बाद विभाग टीमों को उक्त स्थान पर भेजेगा, ताकि राहत कार्य में कोई दिक्कत न हो।