सीमांचल और कोसी इलाके में नदियां उफान पर हैं। यहां बुधवार को भी नदियों में जलस्तर की बढ़ोतरी जारी रही। किशनगंज और अररिया जिले की नदियों में जलस्तर बढ़ने से खेतों और घरों में पानी घुस चुका है। पूर्णिया जिले में महानंदा नदी में उफान की वजह से दो गांव आधे डूब गए हैं।
किशनगंज जिले में कई नदियां उफान पर हैं और इनका जलस्तर बढ़ने से आसपास की जमीन का कटाव हो रहा है। ऐसे में कई घरों को नुकसान पहुंचा है। अररिया जिले में लोहंदरा नदी उफान पर है। इसका पानी खेतों में घुस गया है। क्षेत्र के किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। कुर्साकांटा प्रखंड के रहटमीना, सौरगांव, तमकुड़ा, पलासमणि समेत कई गावों के निचले इलाकों में पानी घुस गया है।
वहीं, जोकीहाट से बहने वाली बकराव और परमान नदी के जलस्तर में 10 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है। किशनगंज जिले की प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ने से ठाकुरगंज पोठिया, दिघलबैंक और टेढ़ागाछ में जमीन का कटाव हो रहा है।
नवादा जिले के रोह में कुंज-गोसाई विगहा के बीच सकरी नदी में बह गया। इससे 6 पंचायतों का नवादा से सीधा संपर्क टूट गया। इन गांवों में रहने वाले हजारों लोगों की नवनिर्मित पुल से उम्मीदें टूट गई हैं। ग्रामीण इस साल पुल पर आवागमन को लेकर काफी उत्साहित थे। मगर नवनिर्मित पुलस के दोनों छोर पर संपर्क सड़क नहीं बनाई गई है। अब सकरी नदी में बना डायवर्सन भी बह चुका है। ऐसे में ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
पूर्णिया जिले के बायसी में नदी कटाव होने से ताराबाड़ी और बनगामा पंचायत के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। बनगामा हाट से मजलिसपुर को जोड़ने वाली सड़क पानी में डूब गई है। मड़वा दक्षिण टोला में भी आधी से ज्यादा सड़क पनाी में समा गई है। बनगामा में महानंदा, कनकई और परनाम नदियों का संगम है। यहां नदी का कटाव जारी है।
महानंदा खतरे के निशान से ऊपर : नेपाल में हो रही लगातार बारिश और प्रदेश में मानसून की दस्तक के बाद नदियों के जलस्तर में उतार चढ़ाव जारी है। महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। परमान का जलस्तर भी बढ़ा है। हालांकि कनकई का जलस्तर कम हुआ है।