बिहार: हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार गर्मी की छुट्टियों में दाखिल नहीं होगी जमानत की अर्जी, वकीलों ने किया विरोध

पटना हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार गर्मी की छुट्टी में जमानत की अर्जी दाखिल नहीं होगी। हाईकोर्ट की ओर से जारी निर्देश में ग्रीष्म अवकाश के दौरान कोई जमानत अर्जी दाखिल करने की जानकारी नहीं है। हाईकोर्ट में ग्रीष्म अवकाश 23 मई से 20 जून तक रहेगा। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट के वकीलों ने विरोध जताया है। वहीं, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र दिया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि हाई कोर्ट के इतिहास में पहली बार उन्हें गर्मी की छुट्टी के दौरान जमानत अर्जी दाखिल करने से रोक दिया गया है।

बिहार: मांझी और साहनी की मुलाकात पर राजद बोली- इस बारिश में डूबेगी एनडीए सरकार

उन्होंने हाईकोर्ट के नियमों के नियम 4 का हवाला देते हुए कहा कि गर्मी की छुट्टी के दौरान जमानत अर्जी दाखिल करने का प्रावधान है लेकिन इस प्रावधान की अनदेखी करते हुए ग्रीष्म अवकाश जमानत की अर्जी दाखिल करने पर रोक है। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण वकील पिछले चौदह महीने से न्यायिक कार्य नहीं कर पा रहे हैं। न्यायालयों में न्यायिक कार्य नहीं होने के कारण वकीलों की स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने जिले के सभी जिला जजों को निचली अदालतों में जमानत अर्जी दाखिल करने और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करने का निर्देश दिया है। इसी तरह गर्मी की छुट्टियों के दौरान हाईकोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश से जमानत अर्जी दाखिल करने और सुनवाई के संबंध में आदेश जारी करने और वकीलों को गर्मी की छुट्टी के दौरान ई-फाइलिंग के जरिए जमानत अर्जी दाखिल करने की अनुमति देने को कहा है।

Whatsapp Group Join
Telegram channel Join