गांव-गांव टीकाकरण अभियान : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 121 वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

बिहार में 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को उनके घरों के पास टीका लगवाने के लिए सरकार ने बड़ी पहल की है। इसके लिए बिहार सरकार की ओर से राज्य के 38 जिलों में 121 टीकाकरण वाहन भेजे गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को 11:30 बजे वर्चुअल तरीके से इसका शुभारंभ किया। पटना के पटेल भवन से डिप्टी सीएम रेणु देवी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. 121 टीका एक्सप्रेस के जरिए प्रदेश के करीब 88 लाख लोगों का टीकाकरण किया जाना है। इसमें 1437 शहरी वार्ड शामिल होंगे। बिहार के 38 जिलों में 121 टीका एक्सप्रेस चलेगी, जिसमें 18 नगर निगमों के 1437 वार्डों और 20 नगर परिषदों के टीकाकरण के लिए शामिल होंगे। इस अभियान को सफल बनाने के लिए केयर इंडिया द्वारा 81 और यूनिसेफ द्वारा 40 वाहनों की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक ट्रेन में एक सत्यापनकर्ता और दो वैक्सीनेटर तैनात किए जाएंगे। इसके लिए केयर द्वारा 121 सत्यापनकर्ताओं की व्यवस्था की गई है। इन वाहनों की पूरी कमान मेडिकल कॉलेज और सिविल सर्जन के पास होगी।

एक कार से एक दिन में 200 लोगों का होगा टीकाकरण : टीका एक्सप्रेस में कुल 121 ट्रेनें शामिल हैं। एक वाहन में 200 लोगों को एक दिन में टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में 212 वाहनों को कुल 24200 का लक्ष्य दिया गया है और इसे हर हाल में पूरा करने का निर्देश दिया गया है। आदेश दिया गया है कि इन वाहनों से शहरी क्षेत्रों में 45 वर्ष से अधिक आयु के लाभार्थियों का कोविड-19 टीकाकरण टीका एक्सप्रेस द्वारा उनके घरों के पास किया जायेगा। अभियान 3 जून से शुरू होगा, लेकिन लक्ष्य पूरा होने तक नहीं रोका जाएगा।

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माइक्रो प्लान तैयार किया गया है : शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 के टीकाकरण के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया गया है। लाभार्थियों को उनके मुहल्ले या वार्ड के पास टीका एक्सप्रेस द्वारा टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जिस तरह से लोग मतदान करने बूथ पर आते हैं, उसी तरह लोग केंद्र में कोरोना की वैक्सीन लेने पहुंचेंगे। टीकाकरण सत्र का आयोजन संबंधित मोहल्ले या वार्ड के किसी सामुदायिक भवन या स्कूल में ही किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में अपार्टमेंट, मकान, शहरी मलिन बस्ती, सब्जी मंडी, बाजार समिति, ऑटो रिक्शा व बस मालिक संघ, रेहड़ी-पटरी वाले, महिला आरोग्य समिति, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह और उद्योग संघ आदि शामिल होंगे।