कोरोना मरीजों की मृत्यु दर घटी, मुजफ्फरपुर अनलॉक की ओर, जिले में एक्टिव केस 5582 से घटकर 324

जिले में कोरोना की दूसरी लहर का कहर अब थम गया है. आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं। साप्ताहिक औसत मृत्यु दर अब घटकर 1.3% हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक मानक निर्धारित किया है कि 5% से कम साप्ताहिक मृत्यु दर वाले शहरों को अनलॉक किया जा सकता है। सब कुछ ठीक रहा तो 8 जून के बाद मुजफ्फरपुर को अनलॉक करने का सिलसिला भी बढ़ सकता है।

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिले में 1 जनवरी, 2021 को 23 कंफर्म केस मिले, जो 6 मई को बढ़कर 736 हो गए। 4 जून को मिले कंफर्म केस घटकर 47 हो गए हैं। वहीं, बात करें रोजाना ठीक होने की बात करें तो जिले में एक जनवरी को 35 मरीज ठीक हुए, जिनका पंजीकरण 4 जून, 99 को हुआ है। मृत्यु दर की बात करें तो जिले में सबसे ज्यादा मौत 3 व 4 मई को हुई, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई। दोनों दिन मृत्यु हो गई। 4 जून को मरने वालों की संख्या शून्य हो गई।

वहीं, 1 जनवरी को जिले में सक्रिय मामलों की संख्या 145 थी, जो 30 अप्रैल को बढ़कर 5582 हो गई। 4 जून को जिले में सक्रिय मामलों की संख्या 324 हो गई है। पहली लहर में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उन शहरों और जिलों को अनलॉक करने की सिफारिश की जहां साप्ताहिक मृत्यु दर पांच या उससे कम है। अभी मुजफ्फरपुर में कोविड मरीजों की मृत्यु दर घटकर 1.3 हो गई है, जो राहत की बात है। इससे जिला दूसरी लहर से मुक्त होने की ओर अग्रसर होता दिख रहा है।

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अप्रैल के अंतिम सप्ताह में 520 मरीज हुए भर्ती, अब 61
जिले में जब कोविड का दूसरा दौर अपने चरम पर था तो शहर के अस्पतालों में नो रूम बोर्ड लटका हुआ था। खासकर अप्रैल के आखिरी हफ्ते में हालात बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गए थे। फिर एसकेएमएसएच के दो सौ बिस्तर, ग्लोकल अस्पताल के 40 बिस्तर, सदर अस्पताल के 30 बिस्तर, मां जानकी अस्पताल के 40 बिस्तर, वैशाली कोविड देखभाल केंद्र के 30 बिस्तर, ग्लैक्सी अस्पताल के 20 बिस्तर, अशोक अस्पताल के 35 बिस्तर, श्री अस्पताल के 10 बिस्तर सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में कुल 420 मरीजों को भर्ती किया गया, जिनमें बेड, मेडिका इमरजेंसी के 24 बेड, प्रसाद अस्पताल के 50 बेड और आईटी मेमोरियल अस्पताल के 22 बेड शामिल हैं।4 जून को जिले के इन सरकारी और निजी अस्पतालों में कुल 60 मरीज भर्ती पाए गए।

आईसीयू बेड खाली, सिर्फ सात मरीज भर्ती  :- आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों की संख्या में भी भारी गिरावट आई है। एक समय था, जब 30 अप्रैल को सरकारी और निजी अस्पतालों सहित कुल तीन सौ मरीज आईसीयू में भर्ती थे। 4 जून को यह आंकड़ा घटकर सात रह गया है। यानी 4 जून को अस्पतालों में भर्ती 61 मरीजों में से सिर्फ सात मरीजों की हालत नाजुक है, बाकी की हालत स्थिर बताई जा रही है।

ऑक्सीजन की हो रही कालाबाजारी, अब राहत:- अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक जिले में ऑक्सीजन की कालाबाजारी हो रही थी। ऑक्सीजन प्लांट के मुताबिक, तब जिले में औसतन रोजाना एक हजार ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत होती थी। खपत और उपलब्धता में अंतर के कारण लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए 25 हजार तक का भुगतान करना पड़ा। अब स्थिति में सुधार हुआ है और अब प्रतिदिन सिलेंडर की खपत इतनी कम हो गई है कि इसकी कीमत सिर्फ चार हजार सिक्योरिटी मनी रह गई है।