बिहार में गिट्टी और बालू के बढ़ते दामों की वजह से भवन निर्माण की लागत काफी बढ़ गई है। इस वजह से घर बनाने के मामले में लोग अब पीछे हटने लगे हैं। साथ ही सरकारी योजनाओं पर भी असर पड़ा है।
बालू-गिट्टी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से लोग मकान बनाने की योजना टाल रहे हैं। पिछले एक महीने में बालू की कीमत प्रति सौ सीएफटी 16 सौ रुपये बढ़ गई है। इसी तरह गिट्टी की कीमत प्रति सौ सीएफटी दो हजार रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। लोगों के साथ व्यापारी भी बढ़ी कीमतों को लेकर परेशान हैं।
कुछ लोग तो किसी तरह अपना घर बनाने में जुटे हुए हैं तो कई लोगों ने या तो काम बंद कर दिया है या फिर कीमत घटने की आस में काम धीमा कर दिया है। मकान बनाने वाले लोगों की मानें तो बीते छह महीने में घर बनाने की लागत 40-50 फिसदी तक बढ़ गई है।
हालांकि, पेट्रोल और डीजल के दाम की बढ़ती रफ्तार पर ब्रेक लगने के बाद सीमेंट और छड़ के दाम में नरमी आई है। पहले सौ सीएफटी बालू छह हजार से 65 सौ मिलती थी वह बढ़कर अब 95 सौ पर पहुंच गई है। इसी तरह गिट्टी के दाम पहले 75 सौ रुपये प्रति सीएफटी था जो बढ़कर 11500 रुपये पर पहुंच गया है। यही हाल ईंट का है।
वर्तमान में 14500 हजार में 15 सौ मिलता था अब उसके लिए 16500 से 17000 रुपये देने पड़ते हैं। अच्छी क्वालिटी की सीमेंट 380 से 420 रुपये में मिल रहा है। वहीं छड़ 72 सौ रुपये क्विंटल बिक रहा है। कीमतों का असर सरकारी परियोजना पर भी पड़ा रहा है।